नई दिल्ली। 72वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सीधेतौर पर देशवासियों से किसान और जवान की बात। इसके साथ ही उन्होंने कोरोना महामारी का जिक्र किया और वैक्सीन को समय की जरूरत बताया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मैं देशवासियों से आग्रह करता हूं कि आप सब दिशा-निर्देशों के अनुरूप अपने स्वास्थ्य के हित में इस वैक्सीन रूपी संजीवनी का लाभ अवश्य उठाएं और इसे जरूर लगवाएं। उन्होंने कहा कि भारत की घनी आबादी, सांस्कृतिक परम्पराओं की विविधता तथा प्राकृतिक व भौगोलिक चुनौतियों के कारण, कोविड से बचाव के उपाय करना, हम सब के लिए, कहीं अधिक चुनौती भरा काम था। चुनौतियों के बावजूद, इस वायरस के प्रकोप पर काबू पाने में, हम काफी हद तक सफल रहे हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यह भी कहा कि आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए, अन-लॉकिंग की प्रक्रिया को सावधानी के साथ, चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया। यह तरीक़ा कारगर सिद्ध हुआ तथा अर्थ-व्यवस्था में फिर से मजबूती के संकेत दिखाई देने लगे हैं। हाल ही में दर्ज की गयी जी.एस.टी. की रेकॉर्ड वृद्धि और विदेशी निवेश के लिए आकर्षक अर्थव्यवस्था के रूप में भारत का उभरना, तेजी से हो रही हमारी ‘इकनॉमिक रिकवरी’ के सूचक हैं। सरकार ने मध्यम और लघु उद्योगों को प्रोत्साहित किया है; आसान ऋण प्रदान करके उद्यम-शीलता को बढ़ावा दिया है और व्यापार में इनोवेशन को प्रेरित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों, अर्ध-सैनिक बलों और पुलिस के जवान, प्रायः अपने परिवार-जन से दूर रहते हुए त्योहार मनाते हैं। उन सभी जवानों को मैं विशेष बधाई देता हूं। पिछले साल, कई मोर्चों पर, अनेक चुनौतियां हमारे सामने आईं। हमें, अपनी सीमाओं पर विस्तारवादी गतिविधियों का सामना करना पड़ा। लेकिन हमारे बहादुर सैनिकों ने उन्हें नाकाम कर दिया। ऐसा करते हुए हमारे 20 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए।
सभी देशवासी उन अमर जवानों के प्रति कृतज्ञ हैं। हालांकि हम शांति के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर अटल हैं, फिर भी हमारी थल सेना, वायु सेना और नौसेना – हमारी सुरक्षा के विरुद्ध किसी भी दुस्साहस को विफल करने के लिए पूरी तैयारी के साथ तैनात हैं। प्रत्येक परिस्थिति में, अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए हम पूरी तरह सक्षम हैं। भारत के सुदृढ़ और सिद्धान्त-परक रवैये के विषय में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भली-भांति अवगत है।