नई दिल्ली। युवा आंदोलन के राष्ट्रीय नेता अनुपम ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अग्निपथ आंदोलन के अलोकतांत्रिक दमन का हर प्रयास विफल किया जाएगा। सरकार चाहे जितने भी तिकड़म लगाए लेकिन शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक ढंग से संघर्ष जारी रहेगा।
अनुपम ने सवाल किया कि आंदोलन पर प्रतिक्रिया देने के लिए सरकार सेना की आड़ में क्यों छिप रही है। अपनी राजनीति के लिए अकसर सेना का इस्तेमाल करने वाली सरकार अब वर्दी की विश्वसनियता के सहारे अग्निपथ स्कीम को आगे बढ़ा रही है। स्पष्ट होता जा रहा है कि स्कीम का मक़सद सेना का इस्तेमाल पूंजीपतियों के लिए प्रशिक्षित गार्ड्स तैयार करना है। अनुपम ने बताया कि अग्निपथ स्कीम सिर्फ युवा विरोधी ही नहीं, सेना विरोधी भी है और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी उचित नहीं।
सरकार ने अग्निपथ योजना के नाम पर सेना की अटकी पड़ी भर्तियों को भी रद्द कर दिया है। ‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय महासचिव रजत यादव ने कहा कि सेना भर्तियों को रद्द किए जाने से लाखों युवा भारी मानसिक अवसाद में हैं। इस कारण आत्महत्या के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। बुधवार को ‘युवा हल्ला बोल’ संस्थापक अनुपम हरियाणा के जींद जिले में जाकर ऐसे ही एक शोकाकुल परिवार से मिले और उनका दुख साझा किया। सचिन नामक इस होनहार छात्र ने सरकार की नीति से अवसाद में आकर आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया। इस मौके पर सेना से रिटायर हो चुके सचिन के पिताजी सतपाल जी ने संदेश जारी किया कि कोई भी युवा इस तरह का कदम उठाने की बजाए बदलाव के लिए संघर्ष करे।
‘युवा हल्ला बोल’ के कार्यकारी अध्यक्ष गोविंद मिश्रा ने बताया कि आंदोलन को कुचलने के लिए सरकार हर तरह के तिकड़मों का इस्तेमाल कर रही है। मुकदमे किए जा रहे हैं, गिरफ्तारियां हो रही हैं, कोचिंग संस्थानों में जाकर छात्रों की डिटेल्स ली जा रही हैं, प्रदर्शन में शामिल होने या व्हाट्सएप स्टेटस तक करने से मना किया जा रहा, पूरा सर्वेलेन्स रखा जा रहा और सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर अग्निपथ स्कीम का प्रचार करवाया जा रहा।
ज्ञात हो कि दिल्ली पुलिस ने ‘युवा हल्ला बोल’ अध्यक्ष अनुपम समेत कई नेताओं को गिरफ्तार करके तिहाड़ जेल भेज दिया था। युवा नेता रजत यादव ने बताया कि राजस्थान के सीकर में रहने वाले संदीप फौजी के घर आयकर विभाग का छापा पड़ा। संदीप लगातार सेना अभ्यर्थियों की आवाज़ बुलंद कर रहे थे और ‘युवा हल्ला बोल’ संस्थापक अनुपम के साथ वो भी तिहाड़ जेल गए थे।