Jammu – Kashmir : बुला रहा है ट्यूलिप गार्डन

जम्मू-कश्मीर का टयूलिप विश्वविख्यात है। लोग तभी तो इसकी तुलना स्विटजरलैंड से भी करते हैं। यहां से कइसकी प्रजाति कई अन्य जगहों पर ले जाई गई।

जम्मू। वसंत का मौसम पूरे शबाब पर है। हर ओर फूल खिले हैं। गेहूं की बालियां खेत में अपनी जवानी पर है। जल्द ही वो तैयार होगी। कोरोना जहां कम है, वहां घूमने के लिए पर्यटक जा रहे हैं। मौसम खुशनुमा है, तो लोग जीवन में ताजगी लाना चाहते हैं। इसके बीच जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से अच्छी खबर है कि उधमपुर ज़िले के कुद में बने ट्यूलिप गार्डन (Tulip Garden) को देखने के लिए पर्यटक यहां आ रहे हैं।

यहां आए एक स्थानीय पर्यटक ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि यहां ट्यूलिप गार्डन बनाया गया है, ये सभी को आकर्षित करता है। ये पर्यटकों के लिए अच्छी जगह है। जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) का टयूलिप (Tulip) विश्वविख्यात है। लोग तभी तो इसकी तुलना स्विटजरलैंड से भी करते हैं। यहां से कइसकी प्रजाति कई अन्य जगहों पर ले जाई गई।

इस बार भी यहां पर्यटक की संख्या में अपेक्षाकृत कमी है, लेकिन जो आ रहे हैं उनके उत्साह में कोई कमी नहीं है। लोग सपरिवार भी आ रहे हैं। बता दें कि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहने वाले श्रीनगर में स्थित एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन (Tulip Garden) में इस बार करीब 15 लाख ट्यूलिप के फूल खिलने की उम्मीद है। इस बीच फ्लोरीकल्चर विभाग की ओर से कोविड के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा और उसके लिए कई कदम उठाए जाएंगे।

कहा जा रहा है कि जब यहां आएंगे, तो होटल का कारोबार भी पटरी आ जा जाएगा। इस इलाके में लोगों के रोजगार के साधन में पर्यटन बेहद अहम है। इस बार मौसम में बदलाव के कारण ट्यूलिप (Tulip) के पूरे फूल मार्च के पहले पखवाड़े में ही खिलने शुरू हो गए थे। कुछ किस्में पूरी तरह से खिल चुकी हैं, जबकि कुछ अगले एक दो हफ्ते तक खिल जाएंगी। तापमान भी बिलकुल अनुकूल था। इस बार फूलों की कुछ और नई किस्में उगाई हैं जिनमें स्टरांग गोल्ड, टूरिजमा, पपर्ल फ्लेग आदि है।