खनन घोटाले में जाएगी झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की कुर्सी !

रांची। कथित खनन घोटाले और लाभ के दो पद का मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग ने झारखंड के राज्यपाल रमेश वैस से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा ने राज्यपाल से इसकी पहले की शिकायत की और मुख्यमंत्री को बर्खास्त करने की मांग की थी।भारतीय जनता पार्टी ने राज्यपाल रमेश बैस से शिकायत की थी कि हेमंत सोरेन को विधानसभा से अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। भाजपा ने हेमंत सोरेन पर आरोप लगाया था कि वो मुख्यमंत्री होते हुए भी वो दूसरे लाभ के पद पर बने हुए हैं। भाजपा ने कहा कि उन्होंने स्टोन चिप्स माइनिंग लीज हासिल कर मुनाफा कमाया है। इसपर भारत के चुनाव आयोग ने राज्यपाल को लेटर भेजा है।

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने इस साल फरवरी में दावा किया था कि सोरेन ने अपने पद का दुरुपयोग किया और खुद को खनन पट्टा आवंटित किया, यह एक ऐसा मुद्दा है जिसमें हितों के टकराव और भ्रष्टाचार दोनों शामिल हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया। विवाद का संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने मई में सोरेन को एक नोटिस भेजकर खनन पट्टे पर उनका पक्ष मांगा था।

कहा जा रहा है कि अब हेमंत सोरेन को अपने पद से इस्तीफा देने को बाध्य होना होगा। हालांकि, उनके पास हाई कोर्ट जाने का विकल्प अभी भी है। चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा था कि पट्टे का स्वामित्व जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9ए का उल्लंघन करता है, जो सरकारी अनुबंधों आदि के लिए अयोग्यता से संबंधित है। यह मामला अभी भी चुनाव आयोग के पास लंबित है। झारखंड हाई कोर्ट के समक्ष याचिका में खनन पट्टा देने में कथित अनियमितताओं और मुख्यमंत्री के परिवार के सदस्यों और सहयोगियों से कथित रूप से जुड़ी कुछ मुखौटा कंपनियों के लेनदेन की जांच की मांग की गई थी।