मुंबई। सचिन वाजे (Sachin Vajhe) की नियुक्ति क्या हुई, मुंबई से लेकर दिल्ली की सियासत में गर्मी आ चुकी है। सत्ता के भागीदार शिवसेना और राकांपा में आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू हो चुका है। इसको लेकर भाजपा भी हमलावर है।
राकांपा नेता नवाब मलिक (Nawab Mallik) कहते हैं कि पहले ही स्पष्ट कर दिया गया है कि सचिन वाजे (Sachin Vajhe) की बहाली कमिश्नर साहब ने की थी, सरकार के किसी भी मंत्री या मुख्यमंत्री के आदेश से उन्हें बहाल नहीं किया गया। संजय राउत का ये कहना कि उन्होंने पार्टी के नेताओं को सचेत किया था, इसकी जानकारी नहीं है। हम लॉकडाउन नहीं लगा सकते, हमने मुख्यमंत्री से अन्य विकल्पों पर विचार करने को कहा है। बढ़ते मामलों के कारण उन्होंने प्रशासन को लॉकडाउन के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं लेकिन अगर लोग नियमों का पालन करें तो इससे बचा जा सकता।
इस संबंध में मामला उस समय और अधिक गरमा गया, जब शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanajay raut) ने दावा कर दिया कि पार्टी के कुछ नेताओं को उन्होंने पहले ही आगाह किया था कि मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे (Sachin Vajhe) महाराष्ट्र सरकार के लिए समस्या पैदा कर सकते हैं। राज्यसभा सांसद ने यह भी कहा कि सचिन वाजे (Sachin Vajhe) प्रकरण ने प्रदेश में शिवसेना नीत गठबंधन सरकार को एक अच्छा सबक सिखाया है।
बता दें कि उद्योगपति मुकेश अम्बानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास एंटीलिया के बाहर 25 फरवरी को एक संदिग्ध वाहन खड़ा पाया गया था। उसमें विस्फोटक सामग्री रखी हुई थी। इस मामले में कथित भूमिका को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस महीने के शुरू में वाजे (Sachin Vajhe) को गिरफ्तार किया था। वाजे अभी एनआईए की हिरासत में है।
दरअसल, मनसुख हिरेन मामले की जांच के सिलसिले में NIA सचिन वाझे (Sachin Vajhe) को मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में मीठी नदी के पुल पर ले गई है। गोताखोरों ने नदी से एक गाडी की नंबर प्लेट और अन्य सामान बरामद किया है। मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में मीठी नदी से गोताखोरों ने एक लैपटॉप, 2 नंबर प्लेट और अन्य सामान बरामद किया, जो मनसुख हिरेन मामले में जांच का हिस्सा है।