सीवान ले जाने की नहीं मिली इजाजत, नई दिल्ली में सुपुर्दे-खाक किए गए पूर्व सांसद शहाबुद्दीन

शासन-प्रशासन ने कोविड प्रोटोकॉल का हवाला देकर अड़ियल रुख़ बनाए रखा। पोस्ट्मॉर्टम के बाद प्रशासन उन्हें कहीं और दफ़नाना चाह रहा था लेकिन अंत में कमिशनर से बात कर परिजनों द्वारा दिए गए दो विकल्पों में से एक ITO क़ब्रिस्तान की अनुमति दिलाई गयी। ईश्वर मरहूम को जन्नत में आला मक़ाम दे : तेजस्वी यादव

नई दिल्ली। कोरोना से हुई मौत के बाद बिहार से राजद (RJD) नेता और पूर्व सांसद शहाबुद्दीन (Ex Siwan MP Shahabuddin) का शव सोमवार को सुपुर्दे-खाक कर दिया गया। तीन दिन पहले पूर्व सांसद की दिल्ली के अस्पताल में कोरोना से मौत हो गई थी। शहाबुद्दीन को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

सोमवार को दिल्ली के आईटीओ बेरुन दिल्ली गेट स्थित जदीद कब्रिस्तान में पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन (Shahabuddin) के शव को सुपुर्दे-खाक किया गया। आपको बता दें कि सीवान के पूर्व बाहुबली सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के शव को बिहार लाने की सारे उम्मीदें खत्म होने के बाद पूर्व सांसद के शव को दिल्ली में सुपुर्दे खाक किया गया। शहाबुद्दीन (Shahabuddin) के शव को दिल्ली से सीवान लाने के लिए परिजनों ने एक याचिका हाईकोर्ट में दायिर की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के फैसले के बाद पूर्व सांसद के शव को दिल्ली के कब्रिस्तान में दफनाने का फैसला लिया गया था।

राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejaswi yadav) ने अपने शोक संदेश में कहा कि हम ईश्वर से मरहूम शहाबुद्दीन साहब की मग़फ़िरत की दुआ करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उन्हें जन्नत में आला मक़ाम मिले। उनका निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है। राजद उनके परिवार वालों के साथ हर मोड़ पर खड़ी रही है और आगे भी रहेगी। इलाज़ के सारे इंतज़ामात से लेकर मय्यत को घरवालों की मर्ज़ी के मुताबिक़ उनके आबाई वतन सिवान में सुपुर्द-ए-ख़ाक करने के लिए मैंने और राष्ट्रीय अध्यक्ष ने स्वयं तमाम कोशिशें की,परिजनों के सम्पर्क में रहें लेकिन सरकार ने हठधर्मिता अपनाते हुए टाल-मटोल कर आख़िरकार इजाज़त नहीं दिया।

दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में शहाबुद्दीन (Shahabuddin) का शव लेने को लेकर कुछ समय तक अफरातफरी का माहौल बना रहा। सीवान के अलावा दिल्ली व अन्य जगहों के समर्थक अस्पताल में जुट गए थे। इस दौरान अस्पताल में काफी संख्या में पुलिसबल की तैनाती कर दी गई। सूत्रों के अनुसार समर्थक इस बात से काफी नाराज थे कि शहाबुद्दीन (Shahabuddin) के शव को परिजनों के हवाले नहीं किया जा रहा है। समर्थकों का कहना था कि यह शव किसी आम आदमी का नहीं है, बल्कि चार बार सांसद रहे शहाबुद्दीन का है। समर्थक पुलिस को वर्दी की धौंस नहीं दिखाने की बात कह रहे थे। आक्रोशित समर्थक केन्द्र व राज्य सरकार के साथ ही जेल व अस्पताल प्रशासन पर शहाबुद्दीन की हत्या करने का आरोप लगा रहे थे।