नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन नए कृषि कानून का विरोध बीते छह महीन से दिल्ली की सीमाओं पर जारी है। बीते कुछ समय से कोरोना के कारण इसकी गति कम कर दी गई है। जैसे ही कोरोना की दूसरी लहर का असर कम हुआ, किसान नेताओं ने पहले 26 मई को काला दिवस मनाया और उसके बाद आंदोलन को तेज किया गया।
रविवार को किसान नेता राकेश टिकैत सहित किसानों का टोहाना पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन जारी है। वे कल रात यहां विधायक देवेंद्र सिंह बबली की विवादास्पद टिप्पणी के विरोध में और गिरफ्तार किए गए किसानों के रिहाई की मांग को लेकर इकट्ठे हुए थे।
टोहाना में किसानों का संघर्ष जारी है अभी तक किसानों की रिहाई नहीं हुई है। आप इस आंदोलन पर नजर बनाए रहे, जो भी फैसला हो अपने जनपदों में उसका पालन करें#FarmersProtest @ANI @meelrajaram @PTI_News @aajtak @news24tvchannel @thewire_in @BBCHindi @PunjabKesariCom @thetribunechd pic.twitter.com/uFa9hgy86u
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) June 5, 2021
किसानों की गिरफ्तारी के विरोध में टोहाना अनाज मंडी में गिरफ्तारी देने हेतु भारी संख्या में पहुंचे किसान। टोहाना में किसानों का संघर्ष जारी है अभी तक किसानों की रिहाई नहीं हुई है। आप इस आंदोलन पर नजर बनाए रहे, जो भी फैसला हो अपने जनपदों में उसका पालन करें।
किसान नेताओं ने साफ कर दिया है कि केंद्र अथवा हरियाणा सरकार की किसी भी किसान विरोधी नीतियों का वे समर्थ नहीं करेंगे। किसानों ने अपने मेहनत के बूते अपने काम को आगे बढाया है। सरकार को किसानों की मेहनत और दर्द को समझना होगा। किसान नेताओं ने कहा कि सरकारें दमनकारी नीति नहीं अपनाएं। बेहतर यही है कि जो किसान खेत में दिन-रात काम करते हैं, उनके हित के लिए काम किया जाए न कि देश के व्यापारिक घरानों को लाभ पहुंचाया जाए।