नई दिल्ली। तीन नए केंद्रीय कृषि कानून (New Farmer Act) के विरोध में बीते साल से ही किसान आंदोलन कर रहे हैं। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश के कई जिलों किसान आंदोलनरत हैं। दिल्ली की सीमाओं पर किसान लगातार छह महीने से अधिक समय से धरना पर बैठे हैं। अब केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने संकेत दिया है कि सरकार किसानों के दोबारा बात कर सकती है।
असल में, राजधानी के विज्ञान भवन में किसान संगठनों के प्रतिनिधि और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के साथ कई दौर की बातचीत पहले ही हो चुकी है। इसका कोई हल नहीं निकला। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर जब तेज हुई, तो लोगों के जेहन में यह मसला नहीं आया। बीते 26 मई को किसानों ने पूरे देश में काला दिवस मनाया, तो किसानों का मुद्दा दोबारा सियासी गलियारों में चर्चा में आया। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait)ने साफतौर पर कहा कि जब तक तीनों नए कृषि कानून खत्म नहीं होंगे, हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हमें किसानों की हितों को सबसे पहले देखना है। हमारी मांगों पर केंद्र सरकार को विचार करना होगा। बुधवार को राकेश टिकैत ने कहा कि बंगाल के किसान नीतियों पर सरकारों से खुलकर बात करें। जैसे उत्तर प्रदेश में 12 साल से हर महीने DC के साथ बैठक होती है, सारे अधिकारी आते हैं। यह हर ज़िले में लागू हो। DM को निर्देश दिया जाए कि हर महीने किसानों और यूनियन के लोगों से वहां के मुद्दों पर बैठकर बातचीत करें। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में अलग तरह के कार्यक्रम हैं। वहां गन्ना किसानों को भुगतान की दिक्कत रहती है। वहां की चीनी मिलों पर करीब 15,000 करोड़ रुपये सरकारों का बकाया है। वहां भी MSP पर खरीद नहीं होती। बिजली सबसे महंगी उत्तर प्रदेश में है। चुनाव में लोग सवाल करेंगे।
वहीं, बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा है कि भारत सरकार आज भी किसानों से बातचीत करने के लिए तैयार है। किसान कानून को रद्द करने के अतिरिक्त जो भी विकल्प लेकर आएंगे सरकार उस पर चर्चा करेगी और समाधान करेगी। सरसो का तेल थोड़ा महंगा हुआ है क्योंकि उसमें सरकार ने मिलावट को बंद किया है। ये भारत सरकार का बहुत महत्वपूर्ण फैसला है और इसका फायदा देशभर के तिलहन और सरसो में काम करने वाले किसानों को होने वाला है। जो भी दाम बढ़ेंगे उस पर सरकार की नजर है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी इस मसले पर केंद्र सरकार की नीतियों पर आज तंज कसा है। राहुल गांधी ने ट्विट किया कि खेत-देश की रक्षा में, तिल-तिल मरे हैं किसान, पर ना डरे हैं किसान, आज भी खरे हैं किसान।
खेत-देश की रक्षा में
तिल-तिल मरे हैं किसान
पर ना डरे हैं किसान
आज भी खरे हैं किसान।#500DeathsAtFarmersProtest— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 9, 2021