गुरुग्राम : ऑर्किड द इंटरनेशनल स्कूल, साउथ सिटी 1 कैंपस, गुरुग्राम के ग्रेड K2 के 5 वर्षीय छात्र काव्यांश गुप्ता को ‘इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में ‘सुपर टैलेंटेड किड्स’ श्रेणी में औपचारिक रूप से मान्यता प्राप्त हुई है। यह प्रतिष्ठित सम्मान काव्यांश की अद्वितीय स्मरणशक्ति, असाधारण बुद्धिमत्ता और उत्कृष्ट सामान्य ज्ञान को बाल्यकाल से ही प्रदर्शित करने के लिए दिया गया है। मात्र 3 वर्ष की उम्र से ही काव्यांश एक बार सुनने पर ही तथ्य, नाम और अवधारणाओं को पहचानने और याद रखने में सक्षम रहा है। अपनी शुरुआती सीखने की प्रतिभा का परिचय देते हुए, वह 50 सामान्य ज्ञान प्रश्नों के उत्तर आत्मविश्वासपूर्वक दे सकता है — ऐसे समय में जब अधिकांश बच्चे अभी बुनियादी अवधारणाओं से परिचित हो रहे होते हैं।
इस उपलब्धि को लेकर अपनी खुशी साझा करते हुए काव्यांश ने कहा, “जब मैं छोटा था, मुझे मम्मी-पापा और टीचर्स से कहानियाँ और तथ्य सुनना बहुत पसंद था। वे जो भी बताते थे, मैं एक बार में ही याद कर लेता था! मुझे देश, जानवरों, ग्रहों और विज्ञान के बारे में जानना बहुत अच्छा लगता है। जब मैं जल्दी और सही उत्तर देता हूँ, तो मुझे बहुत खुशी होती है। मेरे टीचर्स मुझे हमेशा और जानने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और मम्मी-पापा कहते हैं कि मेरी जिज्ञासा ही मेरी सुपरपावर है। मुझे इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का अवॉर्ड पाकर बहुत अच्छा लग रहा है।”
ऑर्किड द इंटरनेशनल स्कूल, साउथ सिटी 1 कैंपस की प्रिंसिपल, सुश्री देया बनर्जी ने इस बाल प्रतिभा की प्रशंसा करते हुए कहा, “काव्यांश एक असाधारण प्रतिभाशाली बच्चा है जिसकी ज्ञान की प्यास वास्तव में प्रेरणादायक है। इतनी छोटी उम्र में उसकी सीखने और याद रखने की क्षमता दुर्लभ है। ऑर्किड में हम हर बच्चे की क्षमता को संवारने के लिए प्रतिबद्ध हैं और काव्यांश इसका बेहतरीन उदाहरण है कि सही मार्गदर्शन और माहौल के साथ एक युवा मन क्या-क्या हासिल कर सकता है। इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से मिली यह मान्यता केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि यह उस जिज्ञासा और केंद्रित शिक्षा का उत्सव है, जो बच्चों के भीतर छिपे अनंत संभावनाओं को उजागर कर सकती है। हमें गर्व है कि काव्यांश हमारे स्कूल समुदाय का हिस्सा है।”
काव्यांश की यह उपलब्धि न केवल प्रारंभिक मानसिक विकास के महत्व को रेखांकित करती है, बल्कि यह दिखाती है कि सहायक और प्रोत्साहनपूर्ण शिक्षण वातावरण बच्चों की संपूर्ण क्षमता को उजागर करने में कितना सहायक होता है। साथ ही, यह ऑर्किड द इंटरनेशनल स्कूल की प्रतिबद्धता को भी बल देता है, जो प्रत्येक बच्चे को पाठ्यपुस्तक से आगे बढ़कर सीखने के लिए प्रेरित करता है।
ऑर्किड द इंटरनेशनल स्कूल भारत के अग्रणी K12 स्कूल नेटवर्क में से एक है, जो अकादमिक उत्कृष्टता और समग्र विकास के अद्वितीय मिश्रण के लिए जाना जाता है। स्कूल की पाठ्यचर्या नवाचार, तकनीक और समावेशी शिक्षण पद्धतियों पर आधारित है, जो छात्रों में प्रारंभिक अवस्था से ही जिज्ञासा, रचनात्मकता और समालोचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करती है। ऑर्किड का दृष्टिकोण व्यावहारिक सीखने, व्यक्तिगत ध्यान और मूल्यों पर आधारित शिक्षा को केंद्र में रखता है, जिससे हर बच्चा आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार हो सके, साथ ही सहानुभूति, नैतिकता और उत्कृष्टता से भी जुड़ा रहे।