रामेश्वरम : उपराष्ट्रपति श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने पवित्र भूमि रामेश्वरम में आयोजित काशी तमिल संगमम 4.0 के समापन समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने इस पहल को भारत की कालातीत आध्यात्मिक और सांस्कृतिक एकता का सजीव प्रतीक बताया।
काशी और तमिलनाडु के बीच सदियों पुराने संबंध को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह जुड़ाव केवल ऐतिहासिक नहीं, बल्कि एक गहन सभ्यतागत और आध्यात्मिक निरंतरता है, जिसने हजारों वर्षों से भारत को एक सूत्र में बांध रखा है। उन्होंने कहा कि ऐसे आदान-प्रदान भारत की साझा विरासत की पुष्टि करते हैं और राष्ट्रीय एकता की भावना को और गहरा करते हैं।
महाकवि सुब्रमण्यम भारती के शब्दों को उद्धृत करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि काशी तमिल संगमम कवि के एकजुट, समन्वित और आत्मविश्वासी भारत के सपने को प्रतिबिंबित करता है। उन्होंने कहा कि आज यह सपना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच और केंद्रित पहलों के माध्यम से साकार हो रहा है।
प्रधानमंत्री के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के विज़न पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि काशी–तमिल संगमम जैसी पहलें सांस्कृतिक आदान-प्रदान, साझा विरासत और पारस्परिक सम्मान के जरिए राष्ट्रीय एकता को मजबूत करती हैं। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे प्रयास देश को विकसित भारत के लक्ष्य की ओर निरंतर अग्रसर कर रहे हैं।
समापन समारोह में तमिलनाडु के राज्यपाल श्री आर. एन. रवि, केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, सूचना एवं प्रसारण तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री एल. मुरुगन, विधायक श्री नैनार नागेन्द्रन, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।





















