नई दिल्ली। साल 2020 के जाते जाते राजधानी दिल्ली इस बात पर खुश हो सकती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसे नई सौगात दी। यह सौगात दिल्ली मेट्रो के जरिए मिला है। तकनीक की दुनिया में एक कदम आगे बढते हुए अब दिल्लीवासी बिना चालक के मेट्रो की यात्रा कर सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये दिल्ली मेट्रो रेल निगम की ड्राइवरलेस मेट्रो को हरी झंडी दिखाई।
इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली में मेट्रो की चर्चा बरसों तक चली, लेकिन पहली मेट्रो अटल जी के प्रयासों से चली। 2014 में सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो रेल थी। आज 18 शहरों में मेट्रो रेल की सेवा है। वर्ष 2025 तक हम इसे 25 से ज़्यादा शहरों तक विस्तार देने वाले हैं, साल 2014 में देश में सिर्फ 248 किलोमीटर मेट्रो लाइन्स आपरेशनल थीं। आज ये करीब तीन गुनी यानी सात सौ किलोमीटर से ज़्यादा है। पीएम मोदी ने कहा कि मेट्रो सर्विसेस के विस्तार के लिए, मेक इन इंडिया महत्वपूर्ण है। मेक इन इंडिया से लागत कम होती है, विदेशी मुद्रा बचती है, और देश में ही लोगों को ज़्यादा से ज़्यादा रोज़गार मिलता है। रोलिंग स्टॉक के मानकीकरण से हर कोच की लागत अब 12 करोड़ से घटकर 8 करोड़ पहुंच गयी है।
इसके लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी जनता को बधाई दी है। देश में पहली बार सोमवार से मजेंटा लाइन पर बॉटेनिकल गार्डन से जनकपुरी पश्चिम के बीच बगैर चालक के मेट्रो रफ्तार भरने लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार सुबह 11 बजे वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इसका शुभारंभ किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश की पहली बिना ड्राइवर वाली मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के साथ नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) की भी शुरुआत की है। इससे मेट्रो में सफर के एक नए युग की शुरुआत हो गई है। इस कार्ड के जरिये देशभर में कहीं भी सफर करने के दौरान खरीदारी भी कर सकते हैं।
दिल्ली मेट्रो रेल निगम का कहना है कि मजेंटा लाइन के 37 किलोमीटर हिस्से पर चालक रहित मेट्रो का परिचालन शुरू होने के बाद अगले साल मई-जून तक पिंक लाइन (शिव विहार-मजलिस पार्क) पर भी यह मेट्रो चलेगी। पिंक लाइन करीब 57 किमी लंबी है।