नई दिल्ली। भारतीय युवाओं को कई सारी जानकारियां देनी है। बहुत बातों को फिर से याद कराना है। जीवन में शिक्षा के महत्व को समझाना है। आधुनिक तकनीक के युग में शिक्षा की शक्ति कितनी है और केंद्र सरकार लगातार देश को सशक्त करने के लिए काम कर रही है, ये सब बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समझा रहे हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षक पर्व के उद्घाटन सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षा क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की।
देश के पहले शिक्षा पर्व के अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं सबसे पहले, राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले हमारे शिक्षकों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। आप सभी ने कठिन समय में देश में शिक्षा के लिए, विद्यार्थियों के भविष्य के लिए जो योगदान दिया है, वो अतुलनीय है, सराहनीय है। NEP के formulation से लेकर implementation तक, हर स्तर पर academicians का, experts का, teachers का, सबका योगदान रहा है। आप सभी इसके लिए प्रशंसा के पात्र हैं। अब हमें इस भागीदारी को एक नए स्तर तक लेकर जाना है, हमें इसमें समाज को भी जोड़ना है। आज शिक्षक पर्व के अवसर पर अनेक नई योजनाओं का प्रारंभ हुआ है। ये initiatives इसलिए भी अहम है क्योंकि देश अभी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आज़ादी के 100 वर्ष होने पर भारत कैसा होगा, इसके लिए नए संकल्प ले रहा है।
Speaking at the #ShikshakParv conclave. https://t.co/vo1RalLEnu
— Narendra Modi (@narendramodi) September 7, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि देश ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के साथ ‘सबका प्रयास’ का जो संकल्प लिया है, ‘विद्यांजलि 2.0’ उसके लिए एक platform की तरह है। इसमें हमारे समाज को, हमारे प्राइवेट सेक्टर को आगे आना है और सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में अपना योगदान देना है।
शिक्षा पर्व के दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि जब समाज मिलकर कुछ करता है, तो इच्छित परिणाम अवश्य मिलते हैं। और आपने ये देखा है कि बीते कुछ वर्ष में जनभागीदारी अब फिर भारत का नेशनल कैरेक्टर बनता जा रहा है।
तकनीक ने हमारी जीवन को हर स्तर पर प्रभावित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आप सभी इस बात से परिचित हैं कि किसी भी देश की प्रगति के लिए education न केवल Inclusive होनी चाहिए बल्कि equitable भी होनी चाहिए। इसीलिए, आज देश Talking बुक्स और Audio बुक्स जैसी तकनीक को शिक्षा का हिस्सा बना रहा है। शिक्षा में असमानता को खत्म करके उसे आधुनिक बनाने में National Digital Educational Architecture यानी, N-DEAR की भी बड़ी भूमिका होने वाली है। जैसे UPI इंटरफेस ने बैंकिंग सेक्टर को revolutionize किया है, वैसे ही N-DEAR सभी academic activities के बीच एक सुपर कनेक्ट का काम करेगा।