देश में इस साल पर्याप्त गेंहूं उपलब्ध होगा, 342 लाख मीट्रिक टन खरीद की आशा : सीएमडी, एफसीआई

गेंहू का उत्पादन पिछले साल से 5% ज्यादा होने की उम्मीद: सुबोध कुमार सिंह

नई दिल्ली । गेंहू उत्पादन के अनुमानों और खरीद से उत्साहित भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक श्री अशोक कुमार मीणा ने कहा कि गेंहूं के उम्मीद से बेहतर उत्पादन अनुमान और बेमौसम बारिश के चलते भारत सरकार द्वारा किसानों की मदद के आश्वासन के चलते एफसीआई अभी तक 7 लाख मीट्रिक टन गेंहू की खरीद कर चुकी है और इस साल 342 लाख टन खरीद की ओर अग्रसर है।
“हम सभी के लिए यह महत्वपूर्ण है – सरकार और निजी क्षेत्र यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करें कि वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद गेहूं और आटे की कीमतें स्थिर रहें। हमारे पास उच्च उत्पादन अनुमानों का भी समर्थन है,” श्री मीणा ने कहा।
उनका समर्थन करते हुए भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि मंत्रालय और निजी क्षेत्र दोनों के अनुमान संकेत दे रहे हैं मार्च-अप्रैल में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के बावजूद इस साल गेहूं का अधिक उत्पादन 4-5 प्रतिशत अधिक होने की उम्मीद है।
वे वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की पहली असाधारण आम बैठक और निदेशक मंडल की बैठक को संबोधित कर रहे थे, जिसमें “वर्ष 2022-23 के लिए गेहूं की फसल और उत्पादन अनुमान” पर एक सर्वेक्षण रिपोर्ट भी जारी की गई।
‘एग्री वॉच’ द्वारा तैयार सर्वेक्षण रिपोर्ट में मार्च, 2023 के अंत में गेहूं उत्पादक राज्यों द्वारा बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के बावजूद 102.89 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया गया है, जोकि पहले चरण के 104.24 लाख टन उत्पादन के अनुमान से कम है। अनुमान दो चरणों में 9 राज्यों (80 जिलों) बिहार, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में किए गए सर्वेक्षण पर आधारित हैं।

इस अवसर पर बोलते हुए रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रेजिडेंट श्री प्रमोद कुमार एस ने सरकार से अच्छे उत्पादन अनुमान और पर्याप्त बफर स्टॉक के कारण गेहूं उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने का अनुरोध किया।
“हालांकि अप्रत्याशित बारिश और गर्मी ने रिकॉर्ड उत्पादन में खलल डाला है, जिसकी हम उम्मीद कर रहे थे, लेकिन बढ़े हुए रकबे और उपज से देश के लिए आरामदायक स्थिति पैदा होने की उम्मीद है। इसलिए, हम सरकार से गेहूं उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने पर विचार करने का अनुरोध करते हैं, ताकि हम भारतीय प्रवासियों का समर्थन कर सकें, जो हमेशा भारतीय गेहूं के आटे को पसंद करते हैं,” उन्होंने कहा।
“हमने यह सर्वेक्षण इसलिए करवाया है कि जिससे अतीत की स्थिति पैदा ना हो, जिसमें डेटा की कमी के कारण गेहूं की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है। यह उद्योग और सरकार दोनों को भविष्य की कार्रवाई के साथ-साथ कीमतों को नियंत्रित करने के उपायों की योजना बनाने में मदद करेगा,” फेडरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री नवनीत चितलांगिया ने कहा, जो प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मौजूद थे।
महासंघ के मानद सचिव श्री रोहित खेतान इस अवसर पर केंद्र सरकार के बाजरा (मिलेट्स) मिशन के समर्थन की घोषणा करते हुए कहा कि वे बाजरा के आटे के उत्पादन की दिशा में काम कर रहा है और देश और अन्य जगहों पर बाजरा की खपत को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
“सरकार हमारे मुद्दों को खुले दिमाग से सुनती और समाधान भी प्रदान करती है। हम माननीय प्रधानमंत्री के ‘पहले देश हित’ के आह्वान के लिए प्रतिबद्ध हैं और हमने आटे की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार के साथ काम करके इसे प्रदर्शित भी किया है,” फेडरेशन के उपाध्यक्ष श्री धर्मेंद्र जैन ने कहा।
1940 में स्थापित, 2500+ सदस्यों वाले देश में रोलर्स फ्लोर मिलर्स के एक मात्र अधिकृत अखिल भारतीय संघ को इस वर्ष उत्कृष्ट गेहूं की अच्छी फसल और बंपर खरीद की उम्मीद है।