आखिर प्रकृति और वातावरण के साथ कब तक खिलवाङ करते रहेंगे हम

पंद्रह साल पहले पृथ्वी का बहूत हिस्सा खाली जंगल के रूप मे जीव जंतुओं का आवास हुआ करता था वह अब घट कर अब काफी कम रह गया है!

सभी जीव जंतुओं और पक्षियों का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्त्व है प्रकृति ने इनके रहने के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध की है ।लेकिन मानव अपने ऐश्वर्य और वैभव में यह भूल गया है जिस प्रकृति ने उनके जीवन के लिए सब कुछ मुहैया कराया है उसकी अहमियत समझना बेहद जरूरी है लेकिन मनुष्य इस सुंदर प्रकृति और वातावरण के साथ क्या कर रहा है? केवल उसे गंदा प्रदूषित कर रहा है और पृथ्वी के हर हिस्से में अपने पैर पसार रहा है मुनाफे के लिए जीव जंतुओं के आवास को उजाड़ कर इमारतें बना रहा है!

व्यावसायिक गतिविधियां संचालित कर रहा है!कुछ दशक पहले तक वन क्षेत्रों में मनुष्य की गतिविधियां ज्यादा नहीं थीं पर मनुष्य के वैज्ञानिक अविष्कार तथा बढ़ती जनंसख्या कारण पृथ्वी को बहुत हानि हुई
पंद्रह साल पहले पृथ्वी का बहूत हिस्सा खाली जंगल के रूप मे जीव जंतुओं का आवास हुआ करता था वह अब घट कर अब काफी कम रह गया है! जिस कारण पशु पक्षियों को अपना आवास छोड़ कर तमाम मुश्किलों और संकट का सामना करते हुए दूसरे जंगलों में जाना पड़ता है! फिर भी मनुष्य कुछ चीजों को देख कर अनदेखा कर रहा है।

प्रदूषण के कारण पक्षी आकाश में नहीं दिखाई देते व शहरों को छोड़ कर चले गए हैं शहरों में केवल कबूतर कौवे ही दिखाई देते है वो भी बहूत कम गांव मे खेत खलिहान होने के कारण उन्हें पीने योग पानी और भोजन मिल जाता है लेकिन अब गांव भी शहर का रूप धारण कर रहे हैं !इसी कारण जीव जंतु या पशु-पक्षियों कि समस्या बढ़ती जा रही है!मनुष्य को अपने अस्तित्व को बचाने के लिए अपना कुछ समय निकाल कर जीव जंतुओं के लिए दाना पानी या रोटी रखनी चाहिए। खासकर अगर हम मानव हैं तो हमारी जिम्मेदारी इनके प्रति और बढ जाती है।