मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का ऐलान, लापता किसानों का पता लगाएगी दिल्ली सरकार

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार यहां 26जनवरी को हुई हिंसा के मामले में विभिन्न जेलों में बंद 115 लोगों के नामों की सूची भी सार्वजनिक करेगी।हम 115 प्रदर्शनकारियों के नामों की सूची जारी कर रहे हैं जिन्हें गणतंत्र दिवस पर हिंसा के संबंध में पुलिस ने गिरफ्तार किया था और जो विभिन्न जेल में बंद हैं। हमारी सरकार लापता हुए प्रदर्शनकारियों का पता लगाने का हर संभव प्रयास करेगी।

नई दिल्ली। दिल्ली के सीमा पर और दिल्ली के अंदर जैसे ही किसान आंदोलन की शुरुआत हुई, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किसानों के साथ रहें। उनकी सरकार लगातार हर वह संभव काम कर रही है, जिसकी जरूरत किसानों को है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को स्पष्ट तौर पर कहा है कि उनकी सरकार प्रदर्शन स्थलों से गायब हुए किसानों की तलाश में मदद करेगी। यदि जरूरत पड़ी तो इसको लेकर दिल्ली के उप राज्यपाल और केन्द्र सरकार से भी संपर्क करेगी।

हालांकि, सियासी गलियारों में कहा जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल किसान आंदोलन में अपना राजनीतिक लाभ देख रहे हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों के बीच उनकी पैठ बन रही है। इसका लाभ उनकी आम आदमी पार्टी को आने वाले विधानसभा चुनाव में मिल सकता है। इसलिए पहले सिंघु बाॅर्डर और 26 जनवरी के बाद गाजीपुर बाॅर्डर पर उन्होंने दिल्ली सरकार की ओर से कई सुविधाएं उपलब्ध करवाईं।

 

बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार यहां 26जनवरी को हुई हिंसा के मामले में विभिन्न जेलों में बंद 115 लोगों के नामों की सूची भी सार्वजनिक करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि हम 115 प्रदर्शनकारियों के नामों की सूची जारी कर रहे हैं जिन्हें गणतंत्र दिवस पर हिंसा के संबंध में पुलिस ने गिरफ्तार किया था और जो विभिन्न जेल में बंद हैं। हमारी सरकार लापता हुए प्रदर्शनकारियों का पता लगाने का हर संभव प्रयास करेगी और जरूरत पड़ने पर मैं उप राज्यपाल और केन्द्र सरकार से बातचीत करूंगा।

बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा की कानूनी टीम के एक प्रतिनिधि दल ने मुख्यमंत्री से आज मुलाकात की। इस प्रतिनिधि ने 29 लापता किसानों के नामों की सूची उन्हें सौंपी। इसमें किसानों के प्रदर्शन के खिलाफ कथित साजिश की न्यायिक जांच कराने और जेल में बंद लोगों की जांच के लिए चिकित्सकीय बोर्ड के गठन की मांग भी की गई है। हालांकि, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने न्यायिक जांच की मांग पर कोई टिप्पणी नहीं की है।