कांग्रेस को एक ओर झटका, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने दिया पार्टी से इस्तीफा

पार्टी नेतृत्व को सोचना चाहिए कि पार्टी के निष्ठावान लोग क्यों धीरे-धीरे पार्टी को अलविदा कह रहे हैं। मैंने ये फैसला अपनी ​अस्मिता और सम्मान को समक्ष रखकर लिया गया है। कांग्रेस अब वो पार्टी नहीं है जो पहले थी।

नई दिल्ली। हाल के दिनों में कांग्रेस के कई बड़े नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। कांग्रेस की ओर से भले ही कुछ कहा जाए, लेकिन इतना तय है कि इससे पार्टी संगठन को नुकसान होने वाला है।पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को आज सुबह इस्तीफा भेजा और कहा कि वह पार्टी से बाहर रहकर देश के लिए बेहतर तरीके से कार्य कर सकते हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपने त्यागपत्र में कहा, ‘‘मैं 46 वर्षों के लंबे जुड़ाव के बाद पार्टी से अलग हो रहा हूं और आशा करता हूं कि ऐसे परिवर्तनकारी नेतृत्व से प्रेरित होकर जनता के लिए अतिसक्रियता से काम करता रहूंगा जो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दी गई उदारवादी लोकतंत्र की उच्च प्रतिबद्धता की परिकल्पना आधारित हो।’’

उन्होंने अतीत में मिली जिम्मेदारियों के लिए कांग्रेस अध्यक्ष का आभार प्रकट किया और उनकी अच्छी सेहत की कामना की। वरिष्ठ वकील मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार में कानून मंत्री थे। वह 2002 से 2016 तक तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे। वह अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल भी रह चुके हैं। कुमार ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए 20 फरवरी को होने वाले मतदान से कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस से इस्तीफा दिया है।

इससे पहले, गत 25 जनवरी को पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। अश्विनी कुमार का नाम अब कांग्रेस छोड़ने वाले उन प्रमुख युवा नेताओं की फेहरिस्त में जुड़ गया है जो कभी कांग्रेस में महत्वपूर्ण भूमिका में माने जाते थे। इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए तो लुईजिन्हो फलेरियो, सुष्मिता देव और अशोक तंवर जैसे कुछ नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया।