अपोलो ने लॉन्च कि भारत की पहली कॉम्‍प्रीहेंसिव कनेक्‍टेड केयर सर्विसेस

एआई द्वारा समर्थित और स्वदेश में विकसित विस्‍तृत देखभाल की यह टेक्‍नोलॉजी मरीज की स्थिति में खराबी के शुरूआती संकेतों पर लगातार नजर रखने और उनका पता लगाने के लिये डिजाइन की गई है, ताकि देखभाल करने वाली टीम जल्‍दी ही सही कारवाईशुरू कर सके। इसके अलावा, यह नर्सों और डॉक्‍टरों को मरीज के स्वास्थ्य की स्थिति नर्स स्‍टेशनों, कमांड सेंटर या उनके मोबाइल से भी दूर से देख सकने में समर्थ बनाती है।

नई दिल्ली। अपोलो ने आज भारत के प्रथम कॉम्‍प्रीहेंसिव कनेक्‍टेड केयर प्रोग्राम (व्यापक सम्बद्ध देखभाल कार्यक्रम) शुरू करने की घोषणा की है। यह प्रोग्राम अपोलो के कनेक्टेड केयर टेक्नोलॉजी द्वारा संचालित है। अपोलो हमेशा से सर्वोत्‍तम और सर्वाधिक प्रासंगिक टेक्‍नोलॉजी लाने में अग्रणी रहा है। अब अपोलो की कॉम्‍प्रीहेंसिव कनेक्‍टेड केयर सेवाओं की देशभर में शुरूआत से चिकित्‍सा टीमों और नर्सिंग स्‍टाफ को आपात स्थिति और एम्बुलेंस, भर्ती रोगी (इन-पेशेंट), सर्जरी-पश्चात और घर पर देखभाल जैसे कई बिन्‍दुओं पर वास्‍तविक समय में मरीज के सम्पूर्ण स्थिति की जानकारी मिलेगी।

इसके पहले इस साल आरम्भ किये गए अपोलो के एनहांस्‍ड कनेक्‍टेड केयर प्रोग्राम (संवर्धित सम्बद्ध देखभाल कार्यक्रम) से गुणवत्ता और सुरक्षा से सम्बन्धित लाभ में काफी वृद्धि देखी गई और मरीजों के समग्र अनुभव में सुधार हुआ। हर शिफ्ट में 1 घंटा नर्सिंग टाइम की बचत और आईसीयू में मरीज की दोबारा भर्ती में 30% तक कमी से लेकर निगरानी वाले प्रति 100 बेड्स में से 8-10 से अधिक बेड्स के मरीजों तत्काल ध्यान दिए जाने की ज़रुरत की संसूचना और लगभग जीरो कोड ब्लू (इमरजेंसी) कॉल मिलने तक, यह प्रोग्राम एक-एक नाजुक स्थिति की जानकारी और उपचार में हर कदम पर सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

हैदराबाद और बेंगलुरु में अपोलो की यूनिट्स पर वास्‍तविक समय में तेजी से प्रतिक्रिया देने वाले रोगी निगरानी तंत्र से सुसज्जित 1000 से ज्‍यादा बेड्स के साथ कंपनी इस वर्ष के अंत तक सभी भर्ती रोगियों के लिये और 2000 कनेक्‍टेड बेड्स लाने की योजना में है। बेंगलुरु में अपोलो के जयनगर और हैदराबाद में हैदरगुडा हॉस्पिटल्‍स अभी सारे भर्ती रोगियों को एनहांस्‍ड कनेक्‍टेड केयर का कवरेज देते हैं और इस प्रकार भारत का प्रथम म्पूर्ण स्‍मार्ट हॉस्पिटल हैं।

अपोलो की संयुक्‍त प्रबंध निदेशक, डॉ. संगीता रेड्डी ने कहा, ‘’उपचार की आपूर्ति का पूरा परिप्रेक्ष्‍य बदल रहा है और आने वाले वर्षों में यह बदलाव और तेज होगा। कॉम्‍प्रीहेंसिव कनेक्‍टेड केयर टेक्‍नोलॉजी ने चिकित्‍सा विशेषज्ञ और मरीज के बीच संवाद और हर बिन्‍दु पर देखभाल का अवसर बढ़ाया है। जैसे-जैसे इसकी प्रगति होगी, मरीजों के स्‍वास्‍थ्‍य परिणाम बेहतर होंगे और स्‍वास्‍थ्‍यरक्षा तक उनकी पहुँच बढ़ेगी, चिकित्‍सक अपना समय बढ़ा सकेंगे, ज्‍यादा सूचित फैसले कर सकेंगे और लगातार देखभाल दे सकेंगे। इसके साथ ही हम कोशिश जारी रखेंगे और एक कनेक्‍टेड हेल्‍थ सिस्‍टम बनाएंगे, जिससे मरीज की सुरक्षा बढ़ेगी, चिकित्‍सा परिणामों में सुधार होगा तथा भारत को दुनिया में कनेक्‍टेड हेल्‍थ के नक्‍शे पर स्‍थापित करने में मदद मिलेगी।‘’

अपोलो में क्रिटिकल केयर इंटीग्रेशन और ट्रांसफॉर्मेशन के डायरेक्‍टर, प्रोफेसर रवि पी. महाजन ने कहा, ‘’मरीजों के लिये परिणामों को बेहतर बनाने में टेक्‍नोलॉजी स्‍पष्‍ट रूप से महत्‍वपूर्ण बदलाव करती है और अपोलो में हम सभी के लिये स्‍वास्‍थ्‍यरक्षा के सर्वश्रेष्‍ठ अनुभव का नेतृत्व करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी कॉम्‍प्रीहेंसिव कनेक्‍टेड केयर सेवाएं स्‍वास्‍थ्‍यरक्षा की आपूर्ति में एक महत्‍वपूर्ण खोज हैं, क्‍योंकि वे हमें देखभाल के लिहाज से अपने मरीजों को उच्‍चतम गुणवत्‍ता की देखभाल का अनुभव देने में समर्थ बनाती हैं। अपोलो के चुनिंदा अस्‍पतालों में हमारे एनहांस्‍ड कनेक्‍टेड केयर प्रोग्राम को बड़ी सफलता मिली है, क्‍योंकि मरीजों को इस अनूठे अनुभव का लाभ हो रहा है। मरीजों को मिलने वाली देखभाल की गुणवत्‍ता और सुरक्षा को मिलाकर लगातार निगरानी करने वाली यह प्रणाली हमें मरीजों को 24*7 देखने का सामर्थ्य प्रदान करती है, जिससे मरीज की स्थिति और स्‍वास्‍थ्‍य परिणाम को संभालने में उल्‍लेखनीय सुधार सुनिश्चित होता है। और अब हम देशभर में अपने 70 से ज्‍यादा अस्‍पतालों में इन सेवाओं को शुरू करने के लिये तैयार हैं और मरीजों को दुनिया की सर्वोत्‍तम स्‍वास्‍थ्‍यरक्षा प्रदान करने के लिये प्रतिबद्ध रहेंगे।‘’