पंजिम (गोवा)। केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शनिवार को यहां विश्व आयुर्वेद महासम्मेलन (डब्ल्यूएसी) के 9वें संस्करण के दौरान आयोजित ‘आरोग्य प्रदर्शनी-2022’ के आयुष मंडप का भ्रमण किया। श्री सोनोवाल के पास बंदरगाह, पोत परिवहन और जल-मार्ग विभाग का दायित्व भी है। श्री सोनोवाल डब्ल्यूएसी सम्मेलन के साथ-साथ आयोजित आरोग्य प्रदर्शनी स्थल के आयुष मंडल में लगे विभिन्न स्टाल का भ्रमण करने से पहले गोवा में स्थापित किए जा रहे अखिल भरतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) के सैटेलाइट परिसर का दौरा किया और उस परिसर को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र को समर्पित किए जाने के उपलक्ष्य में की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। प्रधानमंत्री श्री मोदी एआईआईए के गोवा सैटेलाइट परिसर के साथ ही आयुष मंत्रलय के दो और राष्ट्रीय आयुष संस्थानों- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ यूनानी मेडिसिन (एनआईयूएम), गाजियाबाद और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी (एनआईएच), दिल्ली का रविवार 11 दिसंबर, 2022 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन करेंगे। श्री मोदी कल शाम यहां विश्व आयुर्वेद महासम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करेंगे। एआईआईए के गोवा सैटेलाइट परिसर के दौरे के समय आयुष मंत्री श्री सोनोवाल के साथ केंद्रीय आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य श्री राजेश कोटेजा, आयुष मंत्रालय के कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा गोवा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी थे।
Vasudhaiva Kutumbakam for holistic health!
Happy to address and interact with foreign delegates at the 9th World Ayurveda Congress & Arogya Expo 2022 in Panjim, Goa. pic.twitter.com/Hcr5tPKMGZ
— Sarbananda Sonowal (@sarbanandsonwal) December 10, 2022
आयुष मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री द्वारा इन तीन संस्थानों का उद्घाटन पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को विस्तार और अनुसंधान को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। ये सैटेलाइट संस्थान अनुसंधान के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को और मजबूत करेंगे व बड़ी आबादी के लिए किफायती आयुष सेवाओं की सुविधा प्रदान करेंगे। इन तीन राष्ट्रीय आयुष संस्थानों की स्थापना से आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी में यूजी-पीजी और डॉक्टरेट करने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए 400 अतिरिक्त सीटें सृजित होंगी।मंत्रालय के अनुसार एआईआईए नयी दिल्ली का गोवा केंद्र आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली के माध्यम से शिक्षा, अनुसंधान और रोगी देखभाल सेवाओं के पहलुओं में यूजी-पीजी और पोस्ट डॉक्टरल स्ट्रीम्स के लिए उच्चतम गुणवत्ता वाली सुविधाएं प्रदान करने के लिए काम करेगा। इसे मेडिकल पर्यटन को बढ़ावा देने वाले आयुर्वेद के एक वेलनेस केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही यह संस्थान शैक्षणिक व अनुसंधान से संबंधित उद्देश्यों को पूरा करने और अंतरराष्ट्रीय-राष्ट्रीय सहयोग के लिए एक मॉडल केंद्र के रूप में कार्य करेगा। राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान (एनआईएच), दिल्ली उत्तर भारत में होम्योपैथिक चिकित्सा प्रणाली विकसित करने और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करने के लिए अपनी तरह का पहला संस्थान है। राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान (एनआईयूएम), गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश, मौजूदा राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान, बैंगलोर का एक सैटेलाइट केंद्र होगा।