बायर ने किसानों के लिए शुरू किया ड्रोन का व्यावसायिक उपयोग

बायर मेक इन इंडिया के लक्ष्‍य का समर्थन करती है और कंपनी ने भारत के बेहतरीन ड्रोन स्‍टार्टअप्‍स के साथ गठजोड़ किया है, जिससे किसानों को ड्रोन आधारित सर्विसेज दी जा सकें तथा ग्रामीण उद्यमियों के लिए आजीविका के नए अवसर सृजित हों।

नई दिल्ली। स्‍वास्‍थ्‍य एवं कृषि से संबंद्ध लाइफ साइंस के क्षेत्र की अग्रणी वैश्‍विक कंपनी बायर ने इस साल खरीफ सीजन में कृषि कार्यों के लिए ड्रोन के वाणिज्‍यिक प्रयोग की शुरुआत का एलान किया है। चरणबद्ध तरीके से धान, कपास, सोयाबीन, मक्‍का एवं बागवानी की फसलों की सुरक्षा के लिए ड्रोन की सेवाएं उपलब्‍ध कराई जाएंगी। बायर कृषि ड्रोन प्रयोग की तकनीकी विकसित करने, इंटर्नल ट्रायल शुरू करने और व रेगुलेटरी डाटा जुटाने के लिए विश्‍वविद्यायलों एवं शोध केंद्रों से गठजोड़ करने वाली पहली कंपनी है।

ड्रोन की वाणिज्‍यिक सेवाओं से पंजाब, हरियाणा, मध्‍य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्‍ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक व कई अन्‍य राज्‍यों के छोटी जोत वाले किसानों को लाभ होगा। इससे फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशंस (एफपीओ) और प्रगतिशीत किसानों को भी लाभ मिलेगा। इसके माध्‍यम से ऐसे ग्रामीण उद्यमियों को नए अवसर मिलेंगे, जो बेटर लाइफ फार्मिंग (बीएलएफ) सेंटर संचालित कर रहे हैं। छोटे किसानों को ड्रोन सेवा प्रदान करने के लिए सेटअप स्‍थापित करने में रुचि रखने वालों को भी मौका मिलेगा। बायर ऐसे उद्यमियों को मशीनरी उपलब्‍ध कराएगी और उन्‍हें फसलों व उत्‍पादों के बारे में जानकारी देगी। बिजनेस सपोर्ट और ट्रेनिंग की व्‍यवस्‍था भी की जाएगी।

इस सेवा की शुरुआत पर भारत, बांग्‍लादेश एवं श्रीलंका में बायर के क्रॉप साइंस डिवीजन के कंट्री डिवीजनल हेड सिमोन-थॉर्स्‍टन वीबुश ने कहा, ‘भारतीय किसानों के लिए ड्रोन टेक्‍नोलॉजी विकसित करने की दिशा में प्रोत्‍साहित करने एवं फसलों की सुरक्षा के लिए ड्रोन के वाणिज्‍यिक प्रयोग की अनुमति देने के सरकार के कदम का हम स्‍वागत करते हैं। यह सतत कृषि एवं छोटी जोत वाले किसानों की समृद्धि की दिशा में सकारात्‍मक कदम है। हम क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा सुनिश्‍चित करने के लिए कृषि क्षेत्र के उन्‍नत डिजिटलीकरण एवं मैकेनाइजेशन के माध्‍यम से सकारात्‍मक बदलाव लाने को प्रतिबद्ध हैं।’

कृषि क्षेत्र में ड्रोन के अनगिनत प्रयोग हैं, जैसे स्‍प्रे, मैपिंग एवं सर्वे के जरिये फसलों की सुरक्षा सुनिश्‍चित करना। इनकी मदद से कई मुश्‍किल कार्यों को आसानी से किया जा सकता है। इनकी मदद से खरपतवार, कीट एवं बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रयोग होने वाले पेस्‍टिसाइड्स को पूरे खेत में समान मात्रा में छिड़कना संभव होता है। इनसे समय बचता है और किसान अन्‍य कार्यों पर ध्‍यान देते हुए अपनी आमदनी बढ़ाने में सक्षम हो सकते हैं।