‘भारत जोड़ो यात्रा’ को हर क्षेत्र में मिल रहा है समर्थन

देश में जब भी नरेंद्र मोदी के विकल्प की बात होती है तो पहला सवाल यह होता है कि क्या उनकी जगह राहुल को बना दें? यक्ष प्रश्न है कि राहुल गांधी कांग्रेस की ताकत हैं या उसकी कमजोरी? देश में शायद ही कोई व्यक्ति होगा, जिसकी कोई राय इस सवाल पर नहीं होगी।

केरल। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा के 13वें दिन की शुरुआत अलप्पुझा ज़िले के चेरथाला से की। भारत जोड़ो यात्रा में स्थानीय लोगों का भारी समर्थन मिल रहा है। लोग रास्ते में खड़े दिखे। वहीं कुछ महिलाओं ने राहुल के साथ हाथ भी मिलाया। जिन रास्तों से यह यात्रा गुजर रही है, वहां जन सैलाब देखने को मिल रहा है। भारी संख्या में लोग हाथों में तिरंगा थामे राहुल गांधी के साथ कदमताल करते दिख रहे हैं।

कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि अपनी भारत जोड़ो यात्रा के 12वें दिन, कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को इतिहास में वापस चले गए और 1952 में अलाप्पुझा की यात्रा के दौरान अपने परदादा ने जो किया, उसे दोहराते हुए दिखाई दिए। गांधी मछली पकड़ने वाले समुदाय की समस्याओं पर चर्चा कर रहे थे, जब वे अलाप्पुझा के पूर्व लोकसभा सदस्य और एआईसीसी के वर्तमान महासचिव के.सी. वेणुगोपाल के साथ वेम्बनाड झील में एक सांप की नाव में कूद गए। राहुल स्नेक नाव के मध्य भाग में बैठे, जबकि अन्य सभी नाविकों ने नांव को आगे बढ़ाया। स्नेक बोट रेस विशेष रूप से सबसे लोकप्रिय – अलाप्पुझा में वेम्बनाड झील में आयोजित नेहरू बोट रेस – अब वैश्विक पर्यटकों के यात्रा कार्यक्रम का हिस्सा बन गई है। यह 1952 की बात है, जब तत्कालीन प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने राज्य का दौरा किया था और कोट्टायम से अलाप्पुझा तक नावों का एक जत्था उनके साथ था।

इस यात्रा में शामिल एक व्यक्ति ने कहा कि मैं देश के लिए, देश की आम जनता के लिए सड़क पर हूं, मैं 150 दिन चल पाऊं यही मेरा दृढ़-संकल्प है। पैरों पर छाले भी पड़ेंगे, मगर इस सबको हंसते हुए झेलना है।