पंकज कुमार झा
मोहाली में एक दुर्भाग्यजनक घटना घटी है। एक लड़की ने ही 60 से अधिक छात्राओं का नहाते हुए वीडियो रिकॉर्ड कर उसे अपने पुरुष मित्र को दे दिया। उसे वायरल कर दिया गया है। ऐसे मामले मेरे लिए निजी तौर पर भी काफी भावुक करने वाले होते हैं। मुझे स्मरण है, करियर के शुरुआती दौर में ही करीब 20 वर्ष पहले ऐसा ही षड्यंत्र एक उभरती हुई लड़की के साथ हुआ था।
दो दशक पहले का जमाना और कितना ऐसे मामलों में पिछड़ा रहा होगा, आप कल्पना कर सकते हैं। उस दौरान मैंने पूरे रिसर्च के साथ एक आर्टिकल लिखा था। काफी मेहनत कर। आज भी मुझे उस दौरान किये अपने हस्तक्षेप का असीम संतोष है। ऐसा इसलिए कि उस आलेख ने अनेक सकारात्मक काम किए थे तब। बहरहाल।
अगर मोहाली की उन 60 पीड़ित छात्राओं के बारे में बात करें, तो यही कह सकता हूं कि न तो उन लड़कियों के मां-बाप को अपमानित महसूस करना चाहिए न ही लड़कियों को। किसी की इज्जत इस तरह से बिल्कुल खराब नहीं हो सकती। आज का समाज भी बिल्कुल अलग है। वह कम से कम नगरों में अब इतना संकुचित नहीं रहा कि आज की पढ़ी-लिखी बच्चियों को इसके लिए आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़े।
निश्चित ही अपराधी लड़की को कड़ी से कड़ी सजा मिले। उसके पुरुष मित्र को पकड़ कर साजिशों की परतें और उसकी चमड़ी भी उधेड़ दिए जायें। लेकिन पीड़िताओं को किसी तरह का ग्लानि बोध कराए जाने की जरूरत नहीं है। जानता हूं यह कठिन है, लेकिन ऐसा करना होगा। सहज रहना होगा।
प्रिय, बहन-बेटियों-छात्राओं… आपका कुछ भी नहीं बिगड़ा है इससे। आप आराम से आम दिनों की तरह पढ़िए, मस्ती करिये, सपने बुनिए। अपराध जिसने किया है, सजा उसे मिलेगी। अपराधबोध की बिल्कुल जरूरत आपको नहीं है।
प्रिय अभिभावक, आपकी बच्ची समाज की बच्ची है। कुछ भी नुकसान न तो आपके सम्मान का हुआ है, न ही बेटियों का। यह एक अपराध या हादसा है, ऐसा किसी के साथ भी, किसी के घर में भी हो सकता है। हम सब, समाज का हर व्यक्ति बहन-बेटी वाले हैं। हमें पता है बेटियों के इज्जत के बारे में।
(लेखक पत्रकार हैं।)