दिल्ली पुलिस की बड़ी कामयाबी, झारखंड-बंगाल की सीमा से पकड़े अपराधी

जैसे जैसे ऑनलाइन पर लोगों की आवाजाही बढ़ी, साइबर धोखाधड़ी का मामला बढ़ता ही गया। झारखंड का जामताड़ा, देवघर जैसा इलाका साइबर अपराध का चारागाह बन गया। दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई की और दर्जन से अधिक साइबर अपराधी को पकड़ लिया।

नई दिल्ली। हाल के दिनों में साइबर ठगी बढ़ता जा रहा है। राजधानी दिल्ली में सैकड़ों लोग रोजाना इसके शिकार होते रहे हैं। दिल्ली पुलिस के पास शिकायतों का अंबार लगा, तो दिल्ली पुलिस हरकत में आई। आखिरकार पुलिस की मेहनत सफल हुई। दिल्ली पुलिस ने झारखंड और पश्चिम बंगाल के सीमाई जिलों से अपराधियों को पकड़ा है।

असल में, झारखंड का जामताड़ा, देवघर जैसे जिले साइबर अपराधियों के लिए सुरक्षित ठिकाना माना जाता है। हाल के दिनों में झारखंड की पुलिस भी कार्रवाई करती दिख रही है। दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के बारे में साइबर सेल के पुलिस उपायुक्त अन्येश रॉय ने कहा कि साइबर प्रहार पार्ट-2 में हमने साइबर क्राइम के हॉटस्पॉट जामतारा बेल्ट को निशाना बनाया है। इसमें जामतारा, देवघर, गिरिडीह, जमुई है। हमने बड़े पैमाने पर एक्शन लिया है। वहां से 14 लोगों को गिरफ्तार किया है जो फ्रॉड का बहुत बड़ा गैंग चला रहे थे।

साइबर सेल के पुलिस उपायुक्त अन्येश रॉय ने कहा कि ये यूपीआई पेमेंट से संबंधित फ्रॉड करते हैं, जिसमें तकनीकी के इस्तेमाल से लोगों पर दबाव बनाते हैं कि वे यूपीआई पेमेंट कर दें। इसके लिए वे केवाईसी अपडेशन के नाम पर, सिम या बैंक अकाउंट ब्लॉक कराने के नाम पर फ्रॉड करते हैं। उन्होंने इसमें तकनीकी का इस्तेमाल बढ़ा दिया है। वे अस्थायी साइट्स और बैंकों के एप्स तक बना ले रहे हैं। 9 राज्यों के 36 मामलों में इन्होंने 1.2 करोड़ रुपये चीट किया है। इन्होंने बताया है कि हर दिन 40-50 लोगों को कॉल करते थे। इसमें 4-5 लोगों को शिकार बनाते थे और हर दिन करीब 1-1.5 लाख रुपये चीट करते थे।