पटना। हर्षा म्यूजिकल ग्रुप, सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन और ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी)के संयुक्त तत्वाधान में महान पार्श्वगायक स्व. मुकेश (मुकेश चंद्र माथुर) की जयंती के अवसर पर संगीतमय संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें नामचीन कलाकारों ने उनके गाये गानों के द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुकेश की जयंती के अवसर पर संगीतमय संध्या का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कलाकारों मुकेश के गाये गीतों पर ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर लोगों का दिल जीत लिया।कार्यक्रम की शुरुआत मुकेश की तस्वीर पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित करके की गयी। इसके बाद केक काटकर मुकेश का जन्म दिन मनाया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन हर्षा म्यूजिकल ग्रुप और दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका तथा जीकेसी की प्रदेश अध्यक्ष डा. नम्रता आनंद ने किया।
इस अवसर पर जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, मुकेश को भारतीय सिनेमा जगत में सर्वाधिक लोकप्रिय पार्श्वगायकों के तौर पर शुमार किया जाता था।वह किसी भी गाने को अपनी आवाज देते थे वह यादगार बन जाता था।गायकी की दुनिया में परचम लहराने वाले मुकेश चंद्र माथुर भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें आज भी सबके दिलों में जिंदा हैं। उनकी मधुर आवाज उनके प्रशंसकों के दिल को मंत्रमुग्ध कर देती है। फिजां के कण-कण में उनकी आवाज गूंजती हुयी महसूस होती है।
डा. नम्रता आनंद ने बताया कि मुकेश को फिल्म जगत में उनकी अलग तरह की आवाज के लिए हमेशा याद किया जाता है और उनके गीत आज भी लोगों को सुकून देते हैं।उन्होंने कहा कि मुकेश ने अपने मधुर गीतों और अपनी सुरीली आवाज से फिल्म इंडस्ट्री में खास पहचान बनाई थी। अपनी जादुई आवाज से श्रोताओ को मंत्रमुग्ध करने वाले महान पार्श्वगायक मुकेश आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन हिन्दुस्तान का हर संगीत प्रेमी मुकेश की आवाज का दीवाना है।मुकेश ना केवल एक गायक बल्कि एक अच्छे इंसान के रूप में भी जाने जाते थे।
जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार ने बताया कि मुकेश आज भी संगीत प्रेमियों के दिल पर अमिट छाप बनाये है, जिनकी सुरीली अद्वितीय आवाज हर रोज हमें दीवाना करती है। अपनी मधुर आवाज में गाए गीतों के जरिए मुकेश आज भी हमारे आसपास मौजूद हैं। पुरानी के साथ-साथ नई पीढ़ी भी उनकी आवाज की दीवानी है।
जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ बिहार के अध्यक्ष दिवाकर कुमार वर्मा ने कहा मुकेश ने हर तरह के गीत गाये जो हमारी जिंदगी से कहीं न कहीं जुड़े हैं। आज भी हम मुकेश के गाये गीतों को नहीं भुला पाते है। उनके गाये गीतों की तासीर आज भी बरकारार है। उन्होंने कहा कि जीकेसी बिहार के हर जिले में संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन करेगा और कायस्थ रत्नों को श्रद्धांजलि पेश करेगा।
संगीतमय कार्यक्रम में दिवाकर कुमार वर्मा, प्रेम कुमार, डा. नम्रता आनंद, जीकेसी की सचिव सुप्रिया सिन्हा, सचिव स्मिता सिन्हा, सचिव आनंद सिन्हा, सचिव उदय सिन्हा, रत्ना गांगुली, युवराज सरगम ,कुंदन तिवारी ने मुकेश के गाये सदाबहार गीतों के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की।कार्यक्रम के अंत में सभी कलाकारों को डा. नम्रता आनंद ने मोमेंटो देकर सम्मानित किया।