Board Exam 2021 : ओडिशा ने परीक्षा रद्द की, कर्नाटक में होंगी 10 जुलाई से

बच्चों के जीवन की सुरक्षा सभी परीक्षाओं से ऊपर है। अगर जिंदगी रहेगी, तो समाज एवं सभ्यता के आगे बढ़ने की संभावना रहेगी। अगर जिंदगी ही नहीं रहेगी तो कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता है।

नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने जैसे ही 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द की, उसके बाद कई राज्य सरकारों ने अपने राज्य बोर्ड की परीक्षाओं को भी रद्द कर दी है। शुक्रवार को ओडिशा सरकार ने अपने राज्य बोर्ड की परीक्षा रद्द करने की घोषणा की। हालांकि, कनार्टक सरकार की ओर से कहा गया है कि वह 10 जुलाई से अपने राज्य में परीक्षाएं शुरू करेगी।

ओडिशा सरकार ने उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीएचएसई) की तरफ से आयोजित की जाने वाली 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की शुक्रवार को घोषणा की। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने यह घोषणा करते हुए कहा कि विद्यार्थियों की सुरक्षा परीक्षाओं से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। राज्य सरकार ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा को पहले ही रद्द कर दिया था।

इससे पहले, सीबीएसई और सीआईएससीई ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर दिया था। पटनायक ने कहा कि मौजूदा स्थिति ने बच्चों की पढ़ाई को बुरी तरह से प्रभावित किया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा, “हालांकि, बच्चों के जीवन की सुरक्षा सभी परीक्षाओं से ऊपर है। अगर जिंदगी रहेगी, तो समाज एवं सभ्यता के आगे बढ़ने की संभावना रहेगी। अगर जिंदगी ही नहीं रहेगी तो कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता है।” उन्होंने कहा कि अगर परीक्षाओं का आयोजन किया जाता तो यह बच्चों, शिक्षकों, परिजन और इस प्रक्रिया से जुड़े अन्य के जीवन को खतरे में डालता। विद्यार्थियों के मानक के मूल्यांकन के लिए अच्छी तरह से परिभाषित वस्तुनिष्ठ मानदंड बनाए जाएंगे। साथ ही उन्होंने अधिकारियों से समयबद्ध तरीके से मानदंड तय करने को कहा। हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को भी राज्य सरकार के मापदंड को लेकर आपत्ति हो, तो वे परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।

कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि एसएसएलसी या 10वीं की परीक्षाएं जुलाई के तीसरे सप्ताह में होंगी जबकि कोविड-19 के मद्देनजर ‘प्री-यूनिवर्सिटी एग्जाम’ (पीयूएस) की द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं रद्द कर दी गईं। ‘प्री-यूनिवर्सिटी’ के दूसरे वर्ष के कॉलेज छात्रों को अगले स्तर पर प्रोन्नत कर दिया जाएगा। पहली ‘प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षा’ में उनके प्रदर्शन के आधार पर दिए जाएंगे।

कर्नाटक के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ ‘सेकंडरी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट’ (एसएसएलसी) के गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के लिए एक बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र और भाषाओं के लिए एक और प्रश्न पत्र होगा।’’ उन्होंने बताया कि बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र 40 अंक के होंगे, इनके सवाल सीधे एवं स्पष्ट होंगे और कोई भी घुमावदार सवाल नहीं होगा। उन्होंने बताया कि जो छात्र अंकों से खुश ना हों वे परीक्षाएं दे सकते हैं, उनकी तारीख की जानकारी जल्द दी जाएगी। मंत्री ने स्पष्ट किया कि मौजूदा हालात को देखते हुए छात्रों के हित में जो भी फैसला लिया गया है, वह उससे संतुष्ट हैं।