Business News : न्युवोको विस्टास ने Q4 FY22 और FY22 के लिए अपने वित्तीय परिणामों की घोषणा की

समेकित राजस्व Q4 FY22 में 35% QoQ सुधर कर 2930 करोड़ रुपये हो गया। Q4 FY22 में कंसोलिडेटेड EBITDA 83% QoQ से बढ़कर 440करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2022 में टैक्स के बाद समेकित लाभ रु. 32 करोड़ था। समेकित शुद्ध ऋण Q4 FY22 में 431 करोड़ रुपये और FY22 में 1666 करोड़ रुपये घट गया।

मुंबई। न्युवोको विस्टास कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारत की एक प्रमुख निर्माण सामग्री कंपनी ने 31 मार्च, 2022 को वर्षांत और तिमाही के लिए अपने लेखा परीक्षित वित्तीय परिणामों की घोषणा की। न्युवोको विस्टास, क्षमता के मामले में, भारत की भारत की पांचवीं सबसे बड़ी सीमेंट समूह और पूर्वी भारत में अग्रणी सीमेंट खिलाड़ी है।
कंपनी के लिए समेकित सीमेंट बिक्री की मात्रा Q4 FY22 में 31% QoQ से 5.5 MnT तक बेहतर हुई है। इसी अवधि के दौरान ऑपरेशंस से समेकित राजस्व में 35% QoQ से 2930 करोड़ रुपये तक सुधार हुआ, जबकि समेकित EBITDA 83% QoQ से बढ़कर 440 करोड़ रुपये हो गया।

31 मार्च, 2022 को वर्षांत के लिए आपरेशंस से समेकित राजस्व में 24 % YoY से 9318 करोड़ रुपये तक सुधार हुआ। वित्त वर्ष 22 के दौरान समेकित EBITDA और प्रॉफिट आफ्टर टैक्स क्रमशः 1539 करोड़ रुपये और 32 करोड़ रुपये रहा। कंपनी का समेकित शुद्ध ऋण Q4 FY22 में 431करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2022 में 1666 करोड़ रुपये घटकर 5064 करोड़ रुपये हो गया।
कंपनी मुख्य रूप से वैकल्पिक ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ाने, ब्लेंडेड सीमेंट की स्वस्थ हिस्सेदारी, और कुशल वेस्ट हीट रिकवरी सिस्टम के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालने और इससे जुड़े स्टेकहोल्डर्स के लिए अधिकतम वैल्यू क्रिएशन करने पर ध्यान केंद्रित करके अपने सस्टेनबल प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी के चित्तौड़ सीमेंट प्लांट ने FY22 में 23% तक की वैकल्पिक ईंधन दर (AFR) क्षमता स्थापित की, जो सर्कुलर इकोनॉमी में इसके योगदान को आगे बढ़ाती है। जैसा कि भारत के दीर्घकालिक विकास की संभावनाएं बरकरार हैं, कंपनी एक सुरक्षित, स्मार्ट और संस्टनेबल दुनिया बनाने के लिए तैयार है।

वित्तीय परिणामों पर टिप्पणी करते हुए न्युवोको विस्टास कॉर्प लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री जयकुमार कृष्णस्वामी ने कहा, “वित्त वर्ष 22 एक असाधारण चुनौतीपूर्ण वर्ष था। कई संकट जैसे –कोविड-19 महामारी का फिर से आना, रेत का उपलब्ध न होना और मुद्रास्फीति के दबाव ने उद्योग को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। इस बीच, हमने आंतरिक काम करने के तरीके और ऑपरेशनल क्षमता पर ध्यान देना जारी रखा। हमारे प्रीमियम उत्पादों की बाजार में बिक्री की मात्रा मे हिस्सेदारी 34% तक सुधरी और यह आगे भी बने रहेगी। सस्टेनेबिलिटी परियोजनाओं में हमारा निवेश हमारे ईएसजी एजेंडा को आगे बढ़ाएगा। हम क्लिंकर विस्तार योजना के तहत रिस्डा और निंबोल में अपने ऑपरेशन को बढ़ाने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं; और भिवानी में ग्राइंडिंग यूनिट।”