नई दिल्ली। हाल के दिनों में महंगाई को लेकर आम आदमी के जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है। तेल कंपनियों की ओर से जैसे ही दामों में वृद्धि की गई, उसके बाद ही दैनिक जरूरत की चीजों के दाम में बढोतरी हुई है। कांग्रेस ने सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती किये जाने के एक दिन बाद रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर “चालबाजी” के जरिये ‘भ्रम’ पैदा करने का आरोप लगाया और कहा कि लोग ‘रिकॉर्ड महंगाई’ से वास्तविक राहत पाने के हकदार हैं।
राहुल गांधी ने एक ट्वीट के जरिये 1, मई 2020 और आज के पेट्रोल के दामों की तुलना की और कहा कि ‘सरकार को लोगों को मूर्ख बनाना बंद कर देना चाहिये।’उन्होंने ट्वीट किया, ‘सरकार को लोगों को मूर्ख बनाना बंद कर देना चाहिये। लोग रिकॉर्ड महंगाई से वास्तविक राहत पाने के हकदार हैं। ‘उन्होंने लिखा, ‘पेट्रोल की कीमतें – 1 मई, 2020: 69.5 रुपये, 1 मार्च 2022: 95.4 रुपये, 1 मई 2022: 105.4 रुपये, 22 मई 2022: 96.7 रुपये। अब, पेट्रोल के दाम में फिर से रोजाना ₹0.8 और ₹0.3 रुपये बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।’
Petrol Prices
May 1, 2020: ₹69.5
Mar 1, 2022: ₹95.4
May 1, 2022: ₹105.4
May 22, 2022: ₹96.7Now, expect Petrol to see ‘Vikas’ in daily doses of ₹0.8 and ₹0.3 again.
Govt must stop fooling citizens. People deserve genuine relief from record inflation.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 22, 2022
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने मोदी सरकार पर ‘राजनीतिक नौटंकी में आगे’ और राहत देने में पीछे रहने का आरोप लगाया। वल्लभ ने आरोप लगाया, ‘अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रबंधन के बारे में भाजपा सरकार की अनभिज्ञता लंबे समय से जगजाहिर है। इसे स्वीकार करने और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन लेने के बजाय, भाजपा चालबाजी के जरिये भ्रम पैदा करने की कोशिश करती है।’
LIVE: Congress Party Briefing by Prof. @GouravVallabh at the AICC HQ. https://t.co/U3FWxmX8g4
— Congress (@INCIndia) May 22, 2022
उन्होंने कहा कि इसी तरह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कई कदमों की घोषणा की, जिनका मकसद भ्रम पैदा करना है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए तर्क दिया, ‘वित्त मंत्री ने पेट्रोल पर 8 रुपये प्रति लीटर और केंद्रीय उत्पाद शुल्क में 6 रुपये प्रति लीटर की कमी की घोषणा की। हालांकि यह एक महत्वपूर्ण कमी लग सकती है, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।’ उन्होंने कहा कि साल 2014 में उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये था और 2022 में यह 19.9 रुपये हो गया।