नई दिल्ली। उम्मीद जगी थी कि कोरोना वैक्सीन के आते ही इस महामारी से छुटकारा मिलेगा। लेकिन, इन उम्मीदों को जोर का झटका लगा है। अब कोरोना के नए प्रकार ने फिर से चिताएं बढ़ा दी है। जैसे ही खबर आई कि ब्रिटेन में कोरोना के नए प्रकार से हालत बेकाबू हो गए हैं, वैसे ही भारत सरकार भी पूरी तरह से चैंकन्ना हो गई। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के साथ आपात बैठक बुलाई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हर चीज पर पैनी नजर बनाए हुए है।
इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार हालात की गंभीरता को समझे। ब्रिटेन से आने वाले वायुसेवा को दिल्ली आने से रोक देना चाहिए। दूसरे देशों पर भी कडी निगरानी रखी जानी चाहिए।
बता दें कि ब्रिटेन में कोरोना ने दोबारा प्रचंड रूप धारण किया है। जिसके कारण उसने कई देशों से अपनी हवाई सेवाएं बंद कर दी हैं। बताया जाता है कि कोरोना का यह नया स्ट्रेन न केवल ब्रिटेन बल्कि इटली, नीदरलैंड, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में भी फैल गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना का यह नया स्ट्रेन पिछले वायरस की तुलना में 70 प्रतिशत अधिक तेजी से फैलता है। इसकी मारक क्षमता भी अधिक बताई जाती है। इसलिए भारत में लोग डर रहे हैं।
हालांकि, कहा जा रहा है कि इस पर कोरोना वैक्सीन का भी कोई विशेष असर नहीं पड़ रहा है। सोमवार को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) की अध्यक्षता में निगरानी समूह की बैठक में जरूरी कदमों पर बात की गई।
भारत सरकार पूरी तरह से अपने लोगों को आश्वस्त करना चाहती है कि अधिक चिंता करने की बात नहीं है। सरकार उनकी चिंता कर रही है। जो भी जरूरी कदम हैं, वो उठाए जा रहे हैं। सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि भारत में जनवरी से कोरोना की पहली वैक्सीन दी जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की ओर से कहा गया है कि भारत में जनवरी में कोरोना का टीकाकरण शुरू हो सकता है और सरकार की पहली प्राथमिकता वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावकारिता है और हम इससे किसी तरह का समझौता नहीं करना चाहते हैं। केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जताई कि संभावना है कि कोरोना का बुरा दौर खत्म हो गया है, मगर अभी भी सावधानी की कड़ी जरूरत है। हमें कोविड व्यवहार का पालन अभी भी करने की जरूरत है। हम अभी ज्यादा आराम से नहीं रह सकते हैं। इसलिए कोरोना के खिलाफ जंग में अभी मास्क, हैंड हाइजिन और सोशल डिस्टेंसिंग बड़ा हथियार है।