कोरोना में ऑक्सीजन की कमी और मौत को लेकर कांग्रेस-सरकार आमने-सामने

राज्यसभा में कांग्रेस नेता केसी वेणोगोपाल राव ने सरकार से एक सवाल पूछ लिया। स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब में कह दिया कि ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई है। बस, उसके बाद राजनीति गरमा गई। हर कोई सरकार से सवाल कर रहा है और सच बोलने के लिए कह रहा है।

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की ओर से संसद में दिए गए बयान के बाद कांग्रेस और भाजपा के नेता व प्रवक्ता आमने सामने आ गए हैं। राजनीतिक बयानबाजियों के बीच केंद्र और राज्य सरकार की भी बात हो रही है। बता दें कि संसद में स्वास्थ्य मंत्री की ओर से कहा गया कि कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी के कारण एक भी मौत दर्ज नहीं की गई है।

इस बयान के बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि भाजपा सरकार कोरोना के खिलाफ लड़ाई में विफल हो चुकी है, सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। पहली लहर में देश की अर्थव्यवस्था भी खत्म हो गई, बेड्स-वेंटिलेटर्स की भारी कमी और ऑक्सीजन की किल्लत थी; इसके बावजूद सरकार के लोग कह रहे थे कि हम कोरोना से विजयी हो गये। जब ऑक्सीजन की किल्लत से देशवासी मर रहे थे, उस समय भाजपाई हुकूमत में बैठे संवेदनहीन हुक्मरान ऑक्सीजन पर्याप्त होने के झूठे दावे कर रहे थे। ये कैसी भाजपाई हुकूमत है, जिसको देशवासियों की नहीं सिर्फ प्रचार की फिक्र है।

वहीं शिवसेना के सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) की ओर से कहा गया है कि इस बयान के बाद उन परिवारों पर क्या बीती होगी, जिन्होंने ऑक्सीजन के कमी के चलते अपनों को खो दिया है। सरकार के खिलाफ तो झूठ बोलने को लेकर मुकदमा दर्ज होना चाहिए।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi)  ने ट्वीट कर कहा है, ‘”ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई”: केंद्र सरकार. मौतें इसलिए हुईं क्योंकि महामारी वाले साल में सरकार ने ऑक्सीजन निर्यात 700% तक बढ़ा दिया। सरकार के पास ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट करने वाले टैंकरों की व्यवस्था नहीं की। एंपावर्ड ग्रुप और संसदीय समिति की सलाह को नजरंदाज कर ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का कोई इंतजाम नहीं किया।

भाजपा की ओर से केंद्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने कहा कि केंद्र कह रहा है कि स्वास्थ्य राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों का विषय है और हम केवल जो आंकड़े राज्य भेजते हैं उसे इकट्ठा करते हैं। केंद्र कह रहा है कि हमने एक गाइडलाइन जारी किया है जिसके आधार पर राज्य/केंद्रशासित प्रदेश अपने मौत के आंकड़ों को रिपोर्ट कर सकें। केंद्र कह रहा है कि किसी भी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश ने ऑक्सीजन की कमी से मौत हुई हो इस पर आंकड़ा नहीं भेजा। किसी ने भी नहीं कहा कि उनके राज्य में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत हुई है। इसलिए इसके आंकड़े नहीं हैं। क्या ये डेटा केंद्र ने बनाया? नहीं, राज्यों ने नहीं भेजा। अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया बताएं कि क्या आपकी सरकार ने केंद्र को जो आंकड़े दिए हैं उसमें से एक भी मरीज की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई है ऐसा लिखकर दिया है क्या?

केंद्र सरकार के कहने कि ऑक्सीजन की कमी से मौतें नहीं हुई हैं पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) ने कहा कि दिल्ली और देश के कई जगहों पर ऑक्सीजन की कमी से मौतें हुईं। ऑक्सीजन की कमी से जो मौतें हुई हैं उन्हें 5 लाख मुआवजा देने के लिए हमने कमेटी बनाई थी जिसे उपराज्यपाल ने भंग कर दिया।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने कहा कि सच्चाई यह है कि ये अंधों की सरकार है और बहरों का शासन है। भारतीय जनता पार्टी और उनके मितरों की देश के कितने हिस्सों में सरकार है, क्या वो भाजपा की सरकारें नहीं हैं, क्या एक भी भाजपा शासित प्रांत के अंदर ऑक्सीजन की किल्लत से मौत नहीं हुई।

असल में, मंगलवार को राज्यसभा में कांग्रेस नेता केसी वेणोगोपाल राव (KC Venugoapl Rao) ने सरकार से पूछा था कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से देश में कितनी मौतें हुई हैं। इस पर सरकार ने जानकारी दी कि उन्हें राज्यों से ऐसे आंकड़े नहीं मिले हैं, जिनमें ये कहा गया हो कि देश में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत हुई हो।