पेगासस को लेकर पूरी तरह हमलावर है कांग्रेस

पेगासस को लेकर सियासत गरमा चुकी है। कांग्रेस इसे जासूसी कांड मान रही है, तो सरकार की ओर से कुछ भी आधिकारिक रूप से नहीं कहा जा रहा है। राजनीति में यह पहला अवसर नहीं है जब नेताओं और अधिकारियों को लेकर जासूसी की बात हो रही है।

नई दिल्ली। जासूसी कांड को लेकर सियासत गरमा चुकी है। पेगासस को लेकर कांग्रेस के तमाम नेता केंद्र सरकार पर हमलावर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों पर सवाल कर रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने कहा कि ये(पेगासस) राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खरीदा गया या मोदी जी की सुरक्षा के लिए? अगर सरकार के हाथ साफ हैं तो कोर्ट में एफिडेविट दें कि हमने ये(पेगासस) कभी नहीं खरीदा।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि केंद्र कहता है कि देश में किसी की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई, इतना बड़ा झूठ। मध्य प्रदेश में कितनी मौतें ऑक्सीजन के कारण हुईं। राज्य सरकार को कहते हैं कि आप कोविड के आंकड़े मत भेजना, कल राज्यसभा में कहते हैं कि हम तो केवल राज्यों से आंकड़े इकट्ठा करते हैं।

कांग्रेस के अन्य नेताओं का कहना है कि अब ये साफ है कि भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार ने ऑपरेशन कमल के माध्यम से प्रजातंत्र का अपहरण और लोकतंत्र का चीरहरण किया है। मोदी सरकार ने #OperationKamal के माध्यम से प्रजातंत्र का अपहरण, लोकतंत्र का चीरहरण किया है। मोदी सरकार ने चुने हुए जनमत की हत्या की,संविधान को पाऊँ तले रौंदा। मोदी सरकार ने #Pegasus का दुरुपयोग कर कांग्रेस-जनता दल की सांझी सरकर को कर्नाटका में गिराकर नाजायज़ BJP सरकार का गठन किया।

बता दें कि पेगासस को इसराइल की साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ने तैयार किया है। व्हाट्सऐप के स्वामित्व वाली कंपनी फ़ेसबुक समेत कई दूसरी कंपनियों ने इस पर मुकदमे किए हैं। भारत के बारे में आधिकारिक तौर पर ये जानकारी नहीं है कि सरकार ने एनएसओ से ‘पेगासस’ को खरीदा है या नहीं। पेगासस एक स्पाइवेयर है जिसे इसराइली साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ग्रुप टेक्नॉलॉजीज़ ने बनाया है। ये एक ऐसा प्रोग्राम है जिसे अगर किसी स्मार्टफ़ोन फ़ोन में डाल दिया जाए, तो कोई हैकर उस स्मार्टफोन के माइक्रोफ़ोन, कैमरा, ऑडियो और टेक्सट मेसेज, ईमेल और लोकेशन तक की जानकारी हासिल कर सकता है।