आर पार की लड़ाई के मूड में किसान, जेल जाने से भी नहीं है परहेज

नए कृषि कानून के विरोध में बीते सात महीनों से आंदोलन कर रहे किसान 22 जुलाई को संसद कूच करेंगे। जेल जाने से भी उन्हें डर नहीं है। किसान नेताओं ने अपने साथियों से आंदोलन तेज करने का आह्वान किया है।

नई दिल्ली। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत किसान नेता 22 जुलाई को संसद भवन का घेराव करने को तैयार हैं। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। किसान नेताओं ने अपने किसानों को पूरी रणनीति समझा दी है। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी तमाम स्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं। संसद भवन के निकट के कई स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़े करने के निर्देश दे दिए गए है।

कृषि क़ानूनों के खिलाफ किसान नेताओं द्वारा 22 जुलाई को संसद कूच के ऐलान पर किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा है कि कल किसानों की संसद लगेगी, किसानों के मुद्दों पर चर्चा होगी। शाम 5 बजे तक संसद चलेगी। परसो फिर 200 लोग जाएंगे। जाने दिया तो संसद लगाएंगे, गिरफ़्तार किया तो ज़ेल जाएंगे।

भारतीय किसान यूनियन ने नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि देश के किसानों ने सांसदों को एक पीपुल्स व्हिप जारी किया है,इस व्हिपका पालन कितने सांसद करते हैं इस पर देश के करोड़ों किसानों की नजर है किसानों को समर्थन करने वाले दल संसद में किसानों की आवाज को कैसे उठाते हैं इस पर किसान की नजर है।

सिंघु बॉर्डर पहुंचकर INLD नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने कहा है कि 22 तारीख को विपक्ष के संसद सदस्य संसद का घेराव करेंगे, धरना देंगे और इकट्ठे होकर संसद में जाएंगे और काले कानून का विरोध करेंगे। ऐसे हालात पैदा कर देंगे कि सरकार को मजबूर होकर कानून वापस लेने पड़ेंगे।

माना जा रहा है कि जिस प्रकार से कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस आदि के सांसद संसद में किसानों के मुद्दे पर मुखर हुए हैं, उससे किसान नेताओं को बल मिला है।