नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज एमके नागपाल ने आबकारी घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला टाल दिया है। कोर्ट ने 28 अप्रैल को फैसला सुनाने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने 18 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि सिसोदिया मंत्री समूह के मुखिया थे और कैबिनेट के बारे में उनको सारी जानकारी थी। वे आबकारी नीति के बदलाव में मुख्य भूमिका में थे। नीति में फायदा पहुंचाने के बदले रिश्वत ली गई। मंत्री समूह की बैठक में लाइसेंस फीस और प्रॉफिट मार्जिन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई।
जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान 5 अप्रैल को सिसोदिया की ओर से कहा गया था कि सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का कोई मामला ही नहीं बनता है। ईडी का पूरा केस सीबीआई के केस पर आधारित है। सिसोदिया ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 3 के तहत किसी भी तरह का अपराध नहीं किया। कोर्ट को यह देखना होगा कि क्या धारा 3 के तहत कोई उल्लंघन किया गया है।
सिसोदिया की ओर से कहा गया था कि दूसरी एजेंसियां पहले ही इस मामले की जांच कर रही हैं। सिसोदिया के वकील ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे यह पता चल सके कि सिसोदिया ने मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया हो या उसमें शामिल हों। कथित अपराध की आय का एक भी पैसा सिसोदिया या उनके परिवार के किसी सदस्य के बैंक खाते में नहीं आया। उसका मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से कोई लेना देना नहीं है। जांच एजेंसी के अधिकारी अपनी सुविधा के अनुसार सिसोदिया के खिलाफ आरोप लगा रहे हैं।