
नई दिल्ली। देशभर में जिस प्रकार से कोरोना (COVID19) को लेकर त्राहिमाम मचा हुआ है, उसको लेकर सरकार की भी खूब किरकिरी हो रही है। ऐसे में अब कहा जा रहा है कि जल्द ही केंद्र सरकार की ओर से देश के उन 150 जिलों में संपूर्ण लाॅकडाउन (Lockdown) की बात हो रही है, जो कोरोना संक्रमण के सबसे अधिक शिकार हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से ऐसी रिपोर्ट दी गई हैं। अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री कार्यालय को लेना है।
बताया जाता है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जिन 150 जिलों में 15 फीसद से अधिक संक्रमण दर है, वहां ऐसी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। इसके पीछे कई प्रकार की रिपोर्ट की बात कही जा रही है। सूत्रों का कहना है कि कुछ विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि सरकार ने सख्त कदम नहीं उठाए तो देश बडी तबाही की ओर जा सकता है। बता दें कि महाराष्ट्र, दिल्ली, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु सहित देश के आठ राज्यों में संक्रमण के मामले 69 फीसद हैं। लॉकडाउन के मद्देनजर प्रभावित जिलों से संबंधित राज्यों से इस पर विचार लिया जाना है।
दूसरी ओर राजनीतिक गलियारे में यह भी सुगबुगाहट होने लगी है कि कल यानी 29 अप्रैल को पश्चिम बंगाल में अंतिम चरण का मतदान होने के बाद केंद्र सरकार ऐसी घोषणा कर सकती है। लोगों का कहना है कि पश्चिम बंगाल भी बुरी तरह से कोरोना की चपेट में आ चुका है। चुनाव के कारण वहां की खबरें सार्वजनिक नहीं हो पा रही है। उसके बाद, आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने जो अपनी रिपोर्ट दी है, जिसमें मई के पहले और तीसरे सप्ताह को लेकर चिंता जताई गई है, उसको भी सरकार गंभीरता से ले रही है।
हाल ही में प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी (Narndra Modi) ने जनता से अपील किया था। देश की जनता को संबोधित कर कहा था कि यदि आप सभी एकजुट हो जागरूकता पैदा करते हैं तो लॉकडाउन की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा था, ‘मैं राज्यों से अपील करता हूं कि वे अंतिम उपाय के रूप में लॉकडाउन का उपयोग करें। हमारा माइक्रो कंटेनमेंट जोन की ओर ध्यान होना चाहिए।’