COVID19 Update : ओमीक्रॉन से लड़ने के लिए चाक चौबंद की जा रही है व्यवस्था

ओमिक्रॉन महज नौ दिन के अंदर 30 देशों में फैल चुका है। दक्षिण अफ्रीका से शुरू हुआ यह वेरिएंट अब भारत तक पहुंच चुका है। यही नहीं, इस वेरिएंट का फैलाव डेल्टा वेरिएंट से कई गुना ज्यादा है। डेल्टा वेरिएंट की वजह से भारत में दूसरी लहर आई थी।

नई दिल्ली। कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन की जैसे ही दस्तक की भारत में पुष्टि हुई है, उसके बाद से तमाम सरकारी सहित निजी अस्पताल भी पूरी तरह से एक्शन मोड में आ चुके हैं। सरकारी दिशा-निर्देशों के पालन के साथ ही अन्य मेडिकल सुविधाओं पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
शुक्रवार की सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई कि ओमीक्रॉन के खिलाफ जंग में भी डॉक्टरी सलाह और कोविड के लिए जारी स्वास्थ्य निर्देशों का पालन करें। तभी इस जंग में जीत होगी।

इस संदर्भ में फोर्टिस अस्पताल के डॉ अशोक सेठ का कहना है कि ओमिक्रोन वायरस सबसे पहले साउथ अफ्रीका में पाया गया। इसमें बहुत सारे म्युटेशन्स हैं। जब वायरस अपनी शक्ल बदलता है तो शायद वो और खतरनाक बन जाए। लोगों को कोविड के सभी नियमों का पालन करना होगा। हमारा देश इससे लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक डॉ अशोक सेठ का कहना है कि ओमिक्रोन में बहुत ज़्यादा म्यूटेशन है। अभी पता नहीं लग पाया है कि यह कोविड की दोनों डोज़ लगे हुए लोगों को प्रभावित करता है कि नहीं? हमें कोविड व्यवहार को बनाए रखना है। ऐसा करेंगे तो यह वेरिएंट भी निकल जाएगा।

बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि राज्य में ओमिक्रॉन के दो मामलों के आलोक में किए जाने वाले उपायों पर चर्चा करने और नए दिशानिर्देश तैयार करने के लिए शुक्रवार को विशेषज्ञों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई है। दिल्ली में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा, केंद्र ने नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज को भेजे गए कुछ COVID परीक्षण नमूनों की रिपोर्ट के आधार पर दो ओमिक्रॉन मामलों की पुष्टि की है। हमें विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार है।