COVID19 Vaccination : आखिर वैक्सीनेशन पर अब क्यों हो रही है खूब राजनीति ?

एक ओर कोरोना संक्रमण दूसरी ओर वैक्सीनेशन। सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के बीच तलवारें खींच गईं हैं। जहां भाजपा की सरकार नहीं, वहां की सरकार इस पर खूब सवाल उठा रही हैं। अब तो राजनीतिक दलों के बयान भी आने लगे हैं। आखिर क्यों बना है ऐसा माहौल।

नई दिल्ली। कोरोना के लिए सबसे कारगर उपाय माना गया वैक्सीन। देश में 16 जनवरी, 2021 को वैक्सीनेशन शुरू किया गया। हाल के दिनों में देश के कई हिस्सों से वैक्सीनेशन को लेकर तमाम राजनीतिक दलों की ओर से राजनीतिक बयानबाजी हो रही है। इसके उत्पादन और वितरण को लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री पर सवाल उठाए जा रहे हैं। राजधानी दिल्ली में कई सेंटर बंद कर दिए गए हैं और कहा गया कि वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। कई दूसरे राज्यों से भी इस प्रकार की सूचनाएं आनी शुरू हो गई हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि दिल्ली में युवाओं की वैक्सीन खत्म हो गई है और उनके वैक्सीन सेंटर पिछले 4 दिनों से बंद हैं। बुजुर्गों की कोवैक्सीन भी खत्म हो गई है। हमने केंद्र सरकार को लिखा है लेकिन अभी तक वैक्सीन आई नहीं है। महामारी के दौर में देशभर में कई टीका केंद्र बंद हो गए हैं। देश में वैक्सीन की जबर्दस्त किल्लत है। अगर देश के लोगों को सही समय पर वैक्सीन लगा दी जाती तो शायद दूसरी वेव के प्रकोप को काफी कम किया जा सकता था।

भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने दिल्ली सरकार पर बोलते हुए कहा कि राजनीति करने का समय होता है, ये समय राजनीति करने का नहीं है। शुरूआत की बेड से, फिर ऑक्सीजन पर और अब वैक्सीनेशन पर आ गए… हम सभी को देश को बचाना है, दिल्ली को बचाना है, ये राजनीति का समय नहीं है।

वहीं, झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि हमने 1 करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर किया है, परन्तु हमें सिर्फ 5 लाख वैक्सीन 18-44 आयु वर्ग के लिए मिली है। हमारे पास कुल 6,52,000 वैक्सीन बचे हैं। भ्रामक प्रचार किया जा रहा है कि हमारा वेस्टेज 37% है जबकि हमारा वेस्टेज 4.65% है।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि आज 2 बार हमने टीवी पर अरविंद केजरीवाल को देखा है, दोनों ही बार वो झूठ, भ्रम, क्रेडिट की राजनीति करते नज़र आए। आप कह रहे हैं दिल्ली के पास वैक्सीन नहीं है। परन्तु दिल्ली सरकार के पास आज भी 1.5 लाख से अधिक वैक्सीन है। आप इसका सही से प्रबंधन करें।

सांसद असुद्दीन औवेसी ने कहा कि प्रधानमंत्री सोते रहे, उन्हें मालूम था कि अगस्त 2020 में बड़े-बड़े देशों ने फार्मास्युटिकल कंपनियों को वैक्सीन का ऑर्डर दिया। हमारे प्रधानमंत्री जो आज भावूक हो रहे हैं, उन्होंने वैक्सीनेशन शुरू होने से सिर्फ 5 दिन पहले ऑर्डर दिया।