Punjab Assembly Election 2022 : क्यों हर कोई कर रहा है पंजाब में हंग असेंबली की बात ?

नई दिल्ली। पंजाब में विधानसभा चुनाव हो चुका है। अब सभी की नजर 10 मार्च पर है, जिस दिन वोटों की गिनती होगी। हालांकि, इससे पहले ही पंजाब में त्रिशंकु विधानसभा यानी हंग असेंबली की बात उठ रही है। यानी किसी भी राजनीतिक दल को सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं होगी। इसके पीछे मुख्य रूप से बीते चुनाव से कम हुई वोटिंग को कारण बताया जा रहा है।

पंजाब में 117 विधानसभा सीट के लिए हुए मतदान में करीब 72 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अंतिम मत प्रतिशत 71.95 फीसदी रहा। राज्य में पिछले तीन विधानसभा चुनावों से इसकी तुलना की जाए तो इस बार सबसे कम मतदान हुआ है। वर्ष 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में 77.40 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2007 में 75.45 और 2012 यह 78.20 प्रतिशत रहा था। हालांकि, 2002 के चुनाव में मतदान काफी कम हुआ था और यह महज 65.14 प्रतिशत था।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को पहली बार पंजाब में सही तरीके से चुनाव लड़ने का मौका मिला। एक निजी चैनल से बात करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि हम 65 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि जेपी नड्डा ने कहा कि पंजाब में हंग असेंबली होती दिख रही है। हालांकि उन्होंने साथ में ये भी कहा कि अभी इसके बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी। नड्डा ने 10 मार्च तो मतगणना के बाद ही इस बारे में सोचे जाने की बात कही है।

पंजाब में चुनाव के बाद बीजेपी और अकाली दल के साथ आने की भी बातें कही जा रही हैं। गौरतलब है कि दोनों दल इससे पहले 1997, 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर सत्ता में रहा है। लेकिन बीते दिनों तीन कृषि कानून के मसले पर दोनों दलों के बीच 25 साल पुराना रिश्ता टूट गया। इस बार के चुनाव में बीजेपी कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ है वहीं अकाली दल ने बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है।