नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के खिलाफ जन आंदोलन करके राजनीति में आने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नाक के नीचे भ्रष्टाचार का खेल पनपा और बड़ा हो गया है। अब तक इसको रोकने के लिए समुचित कार्रवाई नहीं हो रही है। प्रदेश कांग्रेस की ओर से पूरा ब्यौरा दिया गया है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के अंतर्गत दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते राजधानी में लोगों के जीवन को खतरे में डाला जा रहा है, क्योंकि प्रदूषण निरीक्षण केन्द्र पर 30-100 रुपये तक रिश्वत देकर बिना अनिवार्य परीक्षण के वाहनों के प्रदूषण फिटनेस प्रमाण जारी किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस लगातार इस बात पर जोर दे रही है कि दिल्ली में जहरीली प्रदूषित हवा का मुख्य कारण वाहनों का प्रदूषण है, जो लोगों की जान ले रहा है, जबकि केजरीवाल सरकार दिल्ली में प्रदूषण के लिए पराली जलाने, बिजली संयत्रों के उत्सर्जन, औद्योगिक प्रदूषक, निर्माण स्थलां से सृजित धूलकण और दीपावली के दौरान पटाखों को मुख्य कारण बता रहे है।
एक सवाल के जवाब में चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि एक स्टिंग ऑपरेशन ने दिल्ली परिवहन विभाग के तहत दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति में चल रहे भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया है, जो बिना किसी परीक्षण के वाहनों को प्रदूषण फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करता है, यहां 15 साल पुराने वाहनों को भी फिटनेस जारी हो रहे है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम और दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार भ्रष्टाचार के आंकठ में डूबे हुए है, यहां बिना मिलीभगत और रिश्वत दिए बिना कोई काम नही होता। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों में भ्रष्टाचार व्याप्त है, जिसमें दिल्ली परिवहन निगम के लिए बसों की खरीद और रखरखाव भी शामिल है।
विनोद नगर वार्ड में आयोजित छठ महापर्व के कार्यक्रमों में सम्मिलित होने का सौभाग्य मिला और छठी मैया का आशीर्वाद लेकर देशवासियों की खुशहाली की कामना की। pic.twitter.com/xJzOO1VLnz
— Anil Chaudhary (@Ch_AnilKumarINC) November 10, 2021
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द सरकार ने पिछले 7 वर्षों के कार्यकाल में लोगों के कल्याण के लिए कुछ भी नही किया है, वे हमेशा नजदीकी राज्यों पर वायु और जल प्रदूषण के लिए आरोप लगाते रहे है। उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस इस बात पर हमेशा जोर देती रही है कि जब तक दिल्ली की सड़कों पर निजी वाहनों की संख्या कम नहीं की जाती, तब तक वायु प्रदूषण बढ़ता रहेगा, जबकि केजरीवाल सरकार मजबूत, भरोसेमंद सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था देने में असफल साबित हुई है जिसके चलते लोग अपने निजी वाहनों का उपयोग करते हैं।