Delhi News : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने लगाया आरोप, सीएम केजरीवाल को कोरोना से अधिक चुनाव की है चिंता

दिल्ली में तीन दिनों में कोविड के सक्रिय मामले तीन गुना की तेज़ी से बड़ रहे है जो की 29 दिसंबर, 2021 को 2000 से अधिक और 1 जनवरी, 2022 को 6000 से अधिक सक्रिय मामलों थे। इन सब के बावजूद मुख्यमंत्री अरविंद अपने राजनीतिक दौरे पर दिल्ली से 4 दिन से गायब है और अब वे लखनऊ के दौरे पर निकले हुऐ है।

नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने कहा कहा कि अरविन्द केजरीवाल एक बार फिर से जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे है यह कह कर कि दिल्ली की जनता को कोरोना से डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उनके पास पर्याप्त साधन व सुविधा है। जबकि हम सब जानते है कि अरविन्द केजरीवाल की कथनी और करनी में कितना फर्क है, वें कहते कुछ ओर है और करते कुछ भी नहीं है।

चौ. अनिल कुमार ने कहा कि विशेषज्ञों ने पहले ही विशेष रूप से तेजी से फैलने वाले ओमिक्रोन संस्करण की गम्भीर परिणामों के साथ फैलने वाले कोविड की तीसरी लहर की चेतावनी दी है, लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद बार-बार बयानबाजी करके एक अलग ही रवैया अपनाते हुऐ कह रहे है कि उनकी सरकार किसी भी संकट की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि सकारात्मकता दर बढ़कर 3.64 प्रतिशत हो गई है, अगर यह दर इसी तरह बढ़ती रही तो वो दिन दूर नहीं जब दिल्ली में फिर से पूर्ण लॉकडाउन की स्थिति आ जाऐगी, लेकिन अरविंद अभी भी जमीनी हकीकत को भूलकर एक विश्वास की दुनिया में रहने का दिखावा कर रहे है, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द दिल्ली की ओर से बिल्कुल ऐसे चिन्तामुक्त बैठे है जैसे कि दिल्ली में सब कुछ सामान्य चल रहा है। चौ. अनिल कुमार ने कहा कि अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोपीय देशों के अस्पतालों में गंभीर स्थिति बनी हुई वंहा के अस्पताल कोविड रोगियों से भरे हुए हैं, और दिल्ली में पांच गुना अधिक तेज गति संक्रमण फ़ेलने के बावजूद, सीएम अरविंद का कहना है कि इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं है।

चौ. अनिल कुमार ने कहा कि सीएम अरविंद ने पिछले साल अप्रैल में इसी तरह का लापरवाह रवैया दिखाया था, उस समय एक महीने के भीतर कोरोना महामारी नियंत्रण से बाहर हो गई थी और दिल्ली में हजारों की संख्या में मोतें हुई जिन्हें क़ाबू किया जा सकता था, अगर समय रहते उन्होंने कोनोना से निपटने के पुख्ता इन्तेजाम किए होते। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द दिल्ली की जनता को होम आइसोलेशन में रहने की बात कर रहे है लेकिन होम आइसोलेशन में रहने वालों के लिए उचित चिकित्सा देखभाल की व्यवस्था नही की है, क्योंकि डॉक्टरों की भारी कमी है । उन्होंने कहा कि क्या होम आइसोलेशन में मरीजों को डाक्टरों की आवश्यकता नहीं पड़ती?

चौ. अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में एम्बुलेंस की अभी भी कमी बनी हुई है कैट के पास केवल 178 एम्बुलेंस उपलब्ध हैं लेकिन सीएम अरविंद को इसकी परवाह नहीं है। अगर कोरोना मरीज की हालत गम्भीर होती है तो क्या एम्बुलेंस की आवश्यकता नहीं पड़ती? क्या होम आइसोलेशन में कोरोना मरीज का पूर्ण इलाज सम्भव है? जबकि दिल्ली में डाक्टरों की मारी कमी है और एम्बुलेंस भी बहुत कम है। उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस मांग कर रही है कि ग्रेडेड रिलीफ अनाउंसमेंट प्लान की घोषणा ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के बाद की जानी चाहिए, लेकिन अरविंद ने दिल्ली वालों को कोई वित्तीय राहत दिए बिना गरीबों को संकट में छोड़कर पंजाब और अब लखनऊ की राजनीतिक दौरे पर चले गए है।