नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद आपको स्वास्थ्य संबंधी मामूली दिक्कतें हो सकती है, जो किसी भी साधारण वैक्सीन को लेने के बाद भी देखी जाती हैं। अहम यह है कि कोरोना टीकाकरण सरकार द्वारा शुरू किया गया अब तक का सबसे बड़ा व्यस्क टीकाकरण कार्यक्रम है। अब तक बच्चों के नियमित टीकाकरण के लिए ऐसी व्यवस्थाएं की जाती थीं। वैक्सीन केन्द्र पर आधे घंटे आराम करने के साथ ही दिल, दिमाग और सांस के भी डॉक्टर मौजूद होगें, जो किसी भी जटिल परिस्थिति में लाभार्थी के स्वास्थ्य की जांच व इलाज करेगें।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के ऑपरेशनल गु्रप के प्रमुख डॉक्टर एनके अरोड़ा के अनुसार चिकित्सा जगत में यह माना जाता है कि जिस भी दवा या वैक्सीन का थोड़ा भी दुष्प्रभाव न दिखे तो इसका मतलब है कि वह शरीर में काम नहीं कर रही है। कई बार यह दुष्प्रभाव तुरंत दिखाई देते हैं तो कई बार कुछ समय बीतने के बाद इसका असर दिखता है। कोरोना वैक्सीन के तुरंत ऐसे प्रभाव से निपटने के लिए वैक्सीन केन्द्र पर ही विशेषज्ञों की टीम तैयार होगी, जिसकी जिले से लेकर राज्य स्तर तक मॉनिटरिंग की जा रही है। दुष्प्रभाव का मामला सामने आते हैं इसकी सूचना राज्य मुख्यालय तक पहुंचाई जाती है, इन सबके लिए सरकार ने एक मजबूत निगरानी तंत्र विकसित किया है। केवल प्रारंभिक जांच ही नहीं कोरोना वैक्सीन के बाद यदि कुछ गंभीर असर दिखता है तो इसके लिए नजदीक के निजी अस्पताल में भी लाभार्थी को भर्ती कराने की व्यवस्था की गई है।
वैक्सीन का दुष्प्रभाव
कई बार वैक्सीन में मौजूद सक्रिय रिसेप्टर या कंपोनेंट की वजह से दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं, इस तरह के दुष्प्रभाव इस बात पर निर्भर करते हैं कि वैक्सीन की आंतरिक गुणवत्ता क्या है। उदाहरण के लिए डीपीटी का वैक्सीन लगने के बाद उच्च श्रेणी का बुखार होता है।
प्रशासनिक समस्या
वैक्सीन के संरक्षण में जरा सी भी लापरवाही होने पर वैक्सीन के दुष्प्रभाव हो सकते हैं, विसंक्रमित किए बिना प्रयोग की गई सीरिंज या फिर जरूरी निर्धारित तापमान पर वैक्सीन का यदि संरक्षण नहीं किया जाएं तो इसके गलत प्रभाव दिख सकते हैं।
संयोगवश हुआ दुष्प्रभाव
कई बार कुछ प्रभाव संयोगवश भी देखे जाते हैं जिसमें वैक्सीन को सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं माना जा सकता, पोलियो की ओरल वैक्सीन लेने के बाद कुछ बच्चों में निमोनिया हो जाता है यह महज एक संयोग हो सकता है।
इंजेक्शन का दुष्प्रभाव
इंजेक्शन लगाने की जगह को साइट ऑफ वैक्सीन कहा जाता है आईएम या इंट्रा मॉस्कुलर वैक्सीन की साइट की एक निर्धारित जगह है जहां वैक्सीन नहीं दिया जाएं तो यह मांसपेशियों में खिंचाव या दर्द की वजह बन सकता है। ऐसे दुष्प्रभाव अधिकतर अप्रशिक्षित स्टॉफ द्वारा इंजेक्शन लगवाने पर ही सामने आते हैं।
अज्ञात दुष्प्रभाव
अज्ञात दुष्प्रभाव के हालांकि अभी तक किसी भी तरह का उदाहरण नहीं पाया गया है, कई बार खाली पेट वैक्सीन लेनी या फिर अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होने पर वैक्सीन लेने पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। यह व्यक्ति विशेष की बायोलॉजिकल व्यवहार से भी संबंधित होता है।