रांची। झारखंड में सरकार गिराने को लेकर जो मामले चल रहे हैं, उसमें एक नया खुलासा हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के समय किंग मेकर और भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी विनोद सिन्हा एक फिर फिर से झारखंड में सरकार बनाने को लेकर किं मेकर की भूमिका में दिशाई पड़ रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार विनोद सिन्हा बीजेपी के बड़े नेताओं के संपर्क में हैं और कांग्रेस को विधायकों को तोड़कर झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार अस्थिर करना चाह रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि पिछले दिनों कांग्रेस के विधायकों की नाराजगी के बाद सरकार गिराने की पहल उन्ही की तरफ से की गई थी। झारखंड के आठ से अधिक कांग्रेसी विधायकों को उन्होंने संपर्क किया था और दिल्ली में मीटिंग भी कर ली थी। हालांकि माहौल के खराब होते ही यह मामला थम तो गया। लेकिन अभी पूरी तरह से खत्म हुआ नहीं है।
एक साथ कई समीकरणों पर किया जा रहा है कार्य !
सूत्र ये भी बताते हैं कि विनोद सिन्हा कई समीकरणों पर काम कर रहे हैं। इसमें कांग्रेस और जेएमएम को विधायकों को तोड़ने के साथ साथ राज्य में हेमंत सरकार को अस्थिर करने की योजना है। विधायकों के नाम तो सामने नहीं आ पाए हैं, लेकिन कांग्रेस के जो विधायक उनके संपर्क में थे, उसकी हलचल राज्य में हुई थी। इसकी जानकारी हेमंत सोरेन को थी कि उनकी सरकार को अस्थिर करने को लेकर तीसरी शक्ति तेजी से कार्य कर रही है। लेकिन इस बात का खुलासा नहीं हो पाया था कि इसके पीछे कौन सी शक्ति काम कर रही है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि इस बारे में गुप्त तरीके से कार्य किया जा रहा है और मामले को दूसरी ओर डायवर्ट किया गया है, जिससे इस बात की जानकारी नहीं मिले कि राज्य में सरकार गिराने के खेल में सबसे बड़ा हाथ किसका है।
हालांकि विनोद सिन्हा को फंडिग कहां से हो रही है और कौन-कौन लोगों के संपर्क में हैं, इसका खुलासा फिलहाल नहीं हो पाया है। लेकिन जो लोग इसके जानकार है, उनका मानना है कि जल्ह ही सारी बातें सामने आ सकती है। यह भी बताया जा रहा है कि बड़े उद्योग के घरानों से भी विनोद सिन्हा का संपर्क है, जहां से फंडिग की जा रही है।