Fashion : एवरग्रीन है चिकनकारी

कुछ चीजें कभी नहीं बदलतीं। बस, उनमें नया तड़का और दिलकश बना देता है। चाहे खान-पान हो या लिबास। इसी कड़ी में शुमार है चिकनकारी कला।

 

इतिहास से पता चलता है कि चिकनकारी का संबंध जहांगीर पत्नी नूरजहां से है। नूरजहां कपड़ों की शौकीन थी। कहा जाता है कि भारत में नूरजंहा अपने साथ कुछ तुर्की कारीगर लाईं थीं। चिकन उर्दू शब्द है जिसका अर्थ है कपड़ों पर सूई से किया गया काम।
पहले चिकन का काम टोपी के पल्ले, मलमल के कुर्ते और अंगरखे पर किया जाता था। समय के साथ चिकनकारी का विस्तार होता गया। और साड़ियां, सूट, कुर्ते, बेडशीट, पर्दों को भी इससे सजाया गया। आलम यह है कि इस महीन कढ़ाई को फैशन डिजाइनर्स ने खूब सराहा है। यही वजह है लोग फाॅर्मल व कैज्युल वियर में चिकनकारी वाली Dress पहनना पसंद करते हैं। या यूं कहें कि रूतबे वालों की पसंद चिकनकारी, अब आमलोगों की भी पसंद बनती जा रही है।

हाथ के काम में मशीन
पहले चिकनकारी की कढ़ाई सूई-धागे से की जाती थी। इन दिनों इस कढ़ाई को मशीन से भी किया जाता है। मशीनी चिकनकारी हाथ की कढ़ाई जैसी लगती है। फिर भी पारखी लोग मशीन और हाथ की कढ़ाई को परख लेते हैं।

काॅटन से शिफाॅन
चिकन की कढ़ाई के लिए जहां सफेद और क्रीम कलर का इस्तेमाल होता था, वहीं बदलते Trend के साथ डिजाइनर्स ने भी इसमें कई प्रयोग किए हैं। जैसे- सफेद के अलावा अन्य रंगों से चिकनकारी, मल्टी कलर के धागों से चिकनकारी, काॅटन फैब्रिक के अलावा शिफाॅन, जाॅजेट, वाॅयल, सिल्क, नेट , आॅरगेंजा और मसिलन पर भी की जाती है।

स्टाइलिश होती चिकनकारी
अब चिकनकारी का अंदाज इतना जुदा हो चुका है कि शर्ट, कुर्ती, स्कर्ट, रैपराॅन, सूट, साड़ियां, लहंगा, चुन्नी आदि में चिकनकारी की जाती है। चिकनकारी को यदि जरदोजी, गोटा-पट्टी, सीक्वेंस वर्क के साथ बनाया जाए, तो ईवनिंग पार्टी में पहना ऐसा आउटफिट आपको लाइमलाइट में रखता है। इसे मिक्स एंड मैच करके भी पहना जा सकता हैं। साथ ही अगर चिकनकारी को दो-तीन स्टिच को मिक्स -मैच करके बनाया जाए तो इसकी खूबसूरती और भाी अधिक बढ़ जाती हे।

ध्यान रखें
चिकन के कपड़ा को ड्राईक्लीन करवाएं। घर पर धोने के लिए माइल्ड डिटर्जेंट का प्रयोग करें और स्टीम प्रेस करवाना न भूलें। कपड़े खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि चिकनकारी के स्टिच ढीले तो नहीं हैं। अन्यथा कढ़ाई खुलती जाएगी। स्टिच कोई भी हो लेकिन स्टिच के लिए काॅटन धागों का इस्तेमाल हो।