फिजी
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फिजी में 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया।इस दौरान विदेश मंत्री ने कहा की 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर आप सभी के बीच आकर बहुत खुशी हो रही है। मैं इस संबंध में हमारे सहयोगी भागीदार होने के लिए फिजी सरकार को धन्यवाद देता हूं। यह हममें से कई लोगों के लिए फिजी की यात्रा करने और हमारे पुराने संबंधों को बढ़ावा देने का अवसर भी है।
The era when we equated progress & modernity with westernisation is behind us. Many such languages, and traditions which were suppressed during the colonial era are again raising their voice on the global stage: EAM S Jaishankar at the 12th World Hindi Conference in Nadi, Fiji pic.twitter.com/8qgU71g9Ze
— ANI (@ANI) February 14, 2023
विश्व हिंदी सम्मेलन जैसे आयोजनों में यह स्वाभाविक है कि हमारा ध्यान हिंदी भाषा के विभिन्न पहलुओं, इसके वैश्विक उपयोग और इसके प्रसार पर होना चाहिए। हम फिजी, प्रशांत क्षेत्र और अनुबंधित देशों में हिंदी की स्थिति जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे।विदेश मंत्री ने आगे कहा की वो वक़्त गया जब दुनिया में प्रगति का मानक पश्चिमीकरण को माना जाता था.कई ऐसी भाषाएं, परंपराएं जो औपनिवेशिक काल में दबा दी गई थीं, फिर से वैश्विक पटल पर अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं। ऐसे में जरूरी है कि दुनिया तमाम संस्कृतियों और समाजों के बारे में जाने।इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फिजी के नाडी में फिजी के उप प्रधान मंत्री बिमान प्रसाद से मुलाकात की।विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, “हमारे विकास सहयोग के माध्यम से हमारे लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को और आगे बढ़ाने पर चर्चा की।”