पाबंदियों के साथ चैत्र पूर्णिमा पर गंगा स्नान, संपन्न हुआ महाकुंभ

कोविड संक्रमण के चलते संन्यासी अखाड़ों ने अंतिम शाही स्नान पूर्णिमा को सीमित संख्या में स्नान करने की घोषणा की थी। कोरोना संक्रमण के चलते हरकी पैड़ी सहित सभी गंगा घाटों पर अपेक्षाकृत भीड़ काफी कम है।

हरिद्वार। मंगलवार को चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर हरिद्वार में लोगों ने स्नान किया। कोरोना के कारण प्रशासन की ओर कई प्रकार की पाबंदियां रहीं, जिसके कारण अधिक संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान नहीं किया। केवल स्थानीय लोग और साधुओं ने स्नान किया। इसके साथ ही इस बार का महाकुंभ भी समाप्त हो गया।

हरिद्वार में अंतिम शाही स्नान के दिन साधुओं ने गंगा नदी में स्नान किया। संन्यासी अखाड़ों ने शाही स्नान के लिए अधिकतम 100 संत महात्माओं के ही जाने की घोषणा की है। कोविड संक्रमण के चलते संन्यासी अखाड़ों ने अंतिम शाही स्नान पूर्णिमा को सीमित संख्या में स्नान करने की घोषणा की थी। कोरोना संक्रमण के चलते हरकी पैड़ी सहित सभी गंगा घाटों पर अपेक्षाकृत भीड़ काफी कम है।

मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन देवी-देवता कुंभ में अदृश्य होकर गंगा स्नान करने आते हैं। माना जाता है कि ऐसे में जो व्यक्ति आज गंगा स्नान करता है, वह पुण्य का भागी बनता है। कुंभ का अंतिम स्नान तीनों बैरागी अणियों के लिए सबसे खास माना जाता है। इस दिन वैष्णवों का तिलक वैभव दर्शनीय होता है।

हनुमान जयंती के दिन लोगों ने वाराणसी के संकट मोचन मंदिर के बाहर से ही दर्शन किए। जिन लोगों के पास RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट है, उन्हीं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति है। नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को देशवासियों को हनुमान जयंती के अवसर पर शुभकामनाएं दी और कहा कि भगवान हनुमान की करुणा और समर्पण भाव को याद करने का दिन है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, “हनुमान जयंती का पावन अवसर भगवान हनुमान की करुणा और समर्पण भाव को याद करने का दिन है। मेरी कामना है कि कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जारी जंग में निरंतर उनका आशीर्वाद प्राप्त होता रहे। साथ ही उनके जीवन और आदर्शों से हमेशा प्रेरणा मिलती रहे।”