गोदरेज एंड बॉयस अधिक जवाबदेह, कुशल, मजबूत और टिकाऊ सप्लाई चेन के साथ दे रहा है ग्रोथ को रफ्तार

अपनी वार्षिक खरीद का 80% घरेलू सप्लार्य से प्राप्त कर रही है कंपनी। G&B के 25% से अधिक सप्लाई चेन पार्टनर्स ग्रीनको रेटेड हैं।


मुंबई।
गोदरेज समूह की अग्रणी कंपनी गोदरेज एंड बॉयस (G&B) तेजी से भारत में अधिक टिकाऊ औद्योगिक ढांचे को आकार दे रही है। G&B अपनी वार्षिक खरीद का लगभग 80% स्थानीय स्तर प्राप्त कर रहा है। इस कोशिश के साथ कंपनी न केवल घरेलू कारोबार को आगे बढ़ाने में मदद कर रही है, वहीं रणनीतिक रूप से पर्यावरण पर पड़ रहे प्रभावों को कम करने में भी अपना योगदान दे रही है। यह प्रयास न केवल कंपनी को अपनी सप्लाई चेन को सुरक्षित करने में मदद करता है, वहीं इसकी मदद से कंपनी को उत्पाद डिजाइन और लागत पर बेहतर नियंत्रण प्राप्त करने में सहायता होती है।

गोदरेज एंड बॉयस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ज़ुरवान मारोलिया ने ग्लोबल सप्लाई चेन में आ रही अड़चनों के प्रति कंपनी के सक्रिय प्रयासों के बारे में बात करते हुए कहा, “जलवायु परिवर्तन और महामारी के कारण सप्लाई चेन में रुकावट दुनिया भर के व्यवसायों के लिए चिंता का एक प्रमुख कारण रहा है। इन मुश्किलों का मुकाबला करने और स्थानीय कारोबार को मजबूत बनाने के लिए, गोदरेज एंड बॉयस ने ग्लोबल सप्लाई चेन को छोटी स्थानीय सप्लाई चेन में बदलने के लिए एक खास रणनीति लागू की है। इसके अलावा कंपनी ने आउटसोर्सिंग की तुलना में अधिक इनसोर्सिंग को विकसित किया है। अन्य प्रयासों की बात करें तो कंपनी ने आउटसोर्स किए गए उत्पादों के लिए, सिंगल सेलर्स और भौगोलिक क्षेत्रों की बजाए अधिक संख्या में सेलर्स और भौगोलिक क्षेत्रों को शामिल किया है, ताकि सप्लाई चेन में आ रही अड़चनों पर काबू पाया जा सके। इससे स्थानीय स्तर पर दक्षता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने में मदद मिली है।
कॉर्पोरेट सप्लाई चेन में छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) के पर्यावरणीय प्रभाव को पहचानते हुए, G&B ने सप्लाई चेन पार्टनर्स की मदद करने के लिए बियॉन्ड सोर्सिंग कार्यक्रम शुरू किया है। ‘जीरो इफेक्ट जीरो डिफेक्ट’ (ZED) का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कंपनी लीन एंड ग्रीन मैनेजमेंट, के साथ टिकाउ विकास के लिए प्रयास कर रही है। वर्तमान में, कंपनी के 25% SME सप्लायर्स को इस कार्यक्रम में शामिल किया गया है।

अपनी आपूर्ति श्रृंखला को हरित बनाने पर कंपनी के फोकस के बारे में बात करते हुए श्री मारोलिया ने कहा, “हम सप्लाई चेन के पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को समझते हैं। इसके लिए हम पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। अपने सप्लायर क्लस्टर प्रोग्राम के माध्यम से, हमने यह तय करने का प्रयास कर रहे हैं कि हमारी सप्लाई चेन से जुड़े छोटे और मध्यम उद्यमों को पर्याप्त रूप से मदद मिले, उन्हें प्रशिक्षण मिले, साथ ही उन्हें पर्याप्त संसाधन प्रदान किए जाएं। जिससे वे पर्यावरण के अनुकूल प्रोसेस अपना सकें। हम अपने साझेदारों के साथ मिलकर जिम्मेदार उत्पाद प्रबंधन के साथ आगे भी उद्योग में अग्रणी भूमिका निभाते रहेंगे। ” G&B की एक इन-हाउस रेटिंग प्रणाली नियमित रूप से सप्लायर्स को बेहतर बनाने की जरूरत वाले क्षेत्रों पर फीडबैक प्रदान करती है। मूल्यांकन के मानदंडों में गुणवत्ता प्रबंधन, लॉजिस्टिक्स, विनिर्माण प्रक्रियाएं और पर्यावरण प्रथाएं शामिल हैं।

स्थिरता के प्रति G&B की प्रतिबद्धता का एक और उत्कृष्ट उदाहरण गोदरेज एप्लायंसेज के संचालन में देखा जा सकता है। यह गोदरेज एंड बॉयस की एक और बड़ी व्यावसायिक इकाई है। यूनिट ने अपने छोटे क्षमता वाले रेफ्रिजरेटर के लिए बड़े आकार के जंबो कंप्रेसर का उपयोग करने की बजाए हल्के मिनी कंप्रेसर विकसित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की है। इस रणनीतिक बदलाव ने न केवल मटेरियल के उपयोग को सीमित किया गया है, बल्कि स्थानीय उत्पादन के महत्व को भी रेखांकित किया। इसके परिणामस्वरूप कम्प्रेसर, शेल और शेल कवर में 20% की कमी सहित कंपोनेंट के भार में बड़ी कमी आई है। इसके अलावा, एक मिनी फिक्स्ड-स्पीड कंप्रेसर का विकास किया जा रहा है, यह 33% हल्का है, लेकिन फिर भी पहले की तरह शीतलन क्षमता बनाए रखता था। यह नया कंप्रेसर न केवल अधिक बिजली बचत करता है, बल्कि इसके छोटे आकार के कारण डिस्पैच क्वांटिटी के थ्रूपुट में वृद्धि की सुविधा भी मिलती है।

पिछले दशक में, 150 से अधिक SME सप्लायर्स ने G&B के सप्लायर प्रोग्राम से लाभ उठाया है, जो वैश्विक गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने के लिए कंपनी की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इन प्रयासों के साथ, गोदरेज एंड बॉयस न केवल परिचालन दक्षता को बेहतर बना रहा है; वहीं यह उद्योग के लिए नए मानक भी स्थापित कर रहा है। इसके साथ ही कंपनी जिम्मेदार खपत की भावना को भी आगे बढ़ा रही है। इन प्रयासों के साथ कंपनी भारतीय उद्योगों के लिए एक टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल भविष्य को आकार देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।