रांची। टर्म सेल, रांची यूनिट झारखंड और बिहार एलएसए द्वारा मोबाइल टावरों और मोबाइल हैंडसेट द्वारा निकलने वाली विकिरण के प्रति आम आदमी को जागृत करने के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता वरिष्ठ उप महानिदेशक, बिहार एलएसए गिरिजेश कुमार मिश्र ने की। उप निदेशक रमेश चंद्रा , निदेशक सुप्रिया जायसवाल, प्रधानाध्यापिका मैरीलैन्ड इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, जमशेदपुर डॉ रेखा चौधरी ने विचार व्यक्त किये। निदेशक विशाल विक्रम ने कार्यक्रम का संचालन किया। वर्तमान में झारखंड में 45 हजार से ज्यादा बीटीएस है। टर्म सेल ने 16000 से ज्यादा बीटीएस साइट का ऑडिट किया है। पिछले 7 वर्षों के सर्वे के बाद पता चला है कि लोगों के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है कि बीटीएस के विकिरण से मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है जब कि ऐसा नहीं है। मंगलवार को मोबाइल विकिरण पर आयोजित वेबिनार में तथ्य और मिथक पर राज्य की वर्तमान स्थिति को वरिष्ठ उपमहानिदेशक ने बताया कि संचार क्षेत्र रेगुलेटर ने नए मापदंड स्थापित किए हैंI भारत अधिक जनसंख्या का देश है। यहां पर 10 गुना ज्यादा मापदंड लगा दिए गए हैं। मोबाइल सेवा में रेडिएशन बीटीएस और हैंडसेट दोनों से होता है I हैंडसेट पर रेडिएशन को नापने का पैमाना एस ए आर है जिसका तीव्रता मोबाइल मैं *#07# टाइप करने पर पता चलती है I हम लोग को टावर एंटीना से दूरी रखना है ना कि टावर से मानकों की तय सीमा से अधिक विकिरण होने पर दूर संचार विभाग टेलीकॉम प्रदाताओं पर आर्थिक दंड भी लगाता है।
उप महानिदेशक रमेश चंद्रा ने कहा कि कोविड-19 फेस टू के दौरान व्हाट्सएप में मिथक मैसेज सब जगह घूम रहा था कि 5 जी मोबाइल टावर की वजह से कोविड-19 फैल रहा हैIलोगों में इस तरह के भ्रम को दूर करने के लिए इस तरह के वेबिनार कराने की जरूरत है। इमरजेंसी में लोगों को सहायता की जरूरत पड़ती है ऐसे में इस टेक्नोलॉजी से लोग एक दूसरे से बात टावर से करते हैं और मैसेज पास करते हैंI मोबाइल रेडियो फ्रिकवेंसी पर काम करते हैं रेडियो नॉन आईओनाइजिग है। इसका मतलब है यह जेनेटिक चेंज नहीं कर सकती है केवल हीटिंग इफेक्ट दे सकती है। मुख्य अतिथि डॉ रेखा चौधरी ने कहा कि मोबाइल टावर के विकिरण से किसी भी प्रकार का स्वास्थ्य पर प्रभाव नही पड़ता है। अंत में सुप्रिया जायसवाल ने कहा कि https://tarangsanchar.gov.in/EMFPortal/Home पर ईएमएफ नापने के लिए प्रति साइट चार हज़ार की राशि का भुगतान करना होता है। तरंग संचार पोर्टल मोबाइल टावर्स और ईएमएफ उत्सर्जन के बारे में जानकारी प्रदान करता है। विशाल विक्रम ने सभी को धन्यवाद दिया।
Health News : मोबाइल टावरों के विकिरण से स्वास्थ्य पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं
सरकार की कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं रेडियो फ्रिकवेंसी पर काम करती हैं I जैसे कि डिजिटल इंडिया ,स्मार्ट सिटीज ,राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन एवंअन्य प्रोजेक्टों की सफलता इन्हीं मोबाइल टावरों की उपलब्धता पर निर्भर हैI