ग्रामीण क्षेत्र में बजट से कितना पड़ेगा प्रभाव, एक्सपर्ट ने कही ये बात

हम आशा करते हैं कि रिसर्च इंस्टिट्यूट और ट्रेनिंग केंद्र सार्वजनिक खरीद नियमों (पब्लिक प्रोक्योरमेंट नॉर्म्स) के बावजूद नवीनतम मेडिकल तकनीक प्राप्त करते रहेंगे।

नई दिल्ली। आम बजट 2023-24 में हरेक क्षेत्र को लेकर बात कही गई है। अगले साल देश में आम चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में इस बार के बजट से काफी उम्‍मीदें लगाई गई हैं। ग्रामीण भारत को मजबूत बनाने के ल‍िए इस बजट में काफी प्रावधान क‍िए गए हैं।

आम बजट 2023-24 पर प्रतिक्रिया देते हुए धानुका ग्रुप के अध्यक्ष आर जी अग्रवाल ने कहा कि 2023-24 का बजट प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है। इसने बुनियादी ढांचे के विकास पर अधिक जोर दिया है जिसका  प्रभाव ग्रामीण अर्थव्यवस्था सहित सभी क्षेत्रों पर भी होगा। खाद्य तेल के आयात पर देश की निर्भरता को कम करने के लिए, तिलहन के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने की व्यापक योजना शुरू करने की घोषणा वास्तव में एक स्वागत योग्य कदम है। भारत ने वैश्विक खाद्य संकट का सफलतापूर्वक सामना किया है और कृषि मूल्य श्रृंखलाओं में बढ़ते तकनीकी हस्तक्षेप पर बजट का फोकस हमें भविष्य की किसी भी वैश्विक अनिश्चितताओं को दूर करने में सक्षम करेगा। कृषि क्षेत्र में डिजिटल और हाई-टेक सेवाओं के वितरण को बढ़ावा देने के लिए प्रस्तावित पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड योजना किसानों के साथ-साथ कृषि व्यवसायियों सहित सभी हितधारकों को भी लाभान्वित करेगी, जो सार्वजनिक और निजी दोनों हितधारकों के बीच बेहतर तालमेल के अधीन है। कोआपरेटिव सेक्टर के लिए घोषित की गई पहल से देश को भी काफी लाभ होगा क्योंकि सहकारी समितियों की ग्रामीण भारत में व्यापक उपस्थिति। यह कहना सही है की बजट ने भारत के अमृत काल के लिए सही मायने में माहौल बनाया है ।

वहीं अनूप उपाध्याय और दीपक भारद्वाज, सह-संस्थापक आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि-स्टार्टअप के जरिए युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘कृषि संवर्धन निधि’ स्थापित करने की घोषणा की गई, जिससे कृषि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नवाचार और प्रौद्योगिकियों को अपनाने में मदद मिलेगी। यह किसानों की कृषि पद्धतियों को बदलने, उत्पादकता तथा लाभप्रदता बढ़ाने में मदद करेगी। साथ ही, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत एआई, रोबोटिक्स और ड्रोन के प्रशिक्षण को शामिल करने के निर्णय से ग्रामीण क्षेत्र में किसानों द्वारा प्रौद्योगिकी को तेजी से अपनाने में भी मदद मिलेगी।

इसके साथ ही श्री पवन चौधरी, चेयरमैन, मेडिकल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ने कहा कि “2023-24 के आम बजट में देश की जीडीपी के 3.3 प्रतिशत यानि 10 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय जैसी महत्वपूर्ण पहल हुई हैं। हमें आशा है कि हेल्थकेयर सेक्टर भी लाभान्वित होगा, जिसमें टियर 2 एवं 3 शहरों में ढांचे में बहुत बढ़े बदलाव की जरूरत है।

बहुत ही उत्साहजनक बात है कि सरकार प्रशिक्षित हेल्थकेयर वर्कर्स की उपलब्धता की वर्तमान कमी को दूर करने पर काम कर रही है। मेडिकल उपकरणों के लिए खास तौर पर बनाये गए बहुआयामी कोर्सेज की वित्त मंत्री की घोषणा प्रशिक्षित मैनपॉवर की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी, जोकि मेडिकल तकनीकों में तेजी से हो रहे बदलाव के अनुसार ढाल पाएंगे। इसके साथ ही, हम आशा करते हैं कि रिसर्च इंस्टिट्यूट और ट्रेनिंग केंद्र सार्वजनिक खरीद नियमों (पब्लिक प्रोक्योरमेंट नॉर्म्स) के बावजूद नवीनतम मेडिकल तकनीक प्राप्त करते रहेंगे।