नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उदित राज ने आज आम आदमी पार्टी (आआपा) और उसके संयोजक अरविंद केजरीवाल को दलितों और पिछड़ों का सबसे बड़ा हक मारने वाला करार दिया। उन्होंने कहा कि आआपा सरकार अपने खर्च पर 60 साल से ऊपर के लोगों को अलग-अलग तीर्थ स्थलों की यात्रा कराती है लेकिन बौद्ध धर्म के लोगों के लिए ऐसी योजना क्यों नहीं है? कांग्रेस सरकार आने के बाद बौद्ध धर्म के बुजुर्ग लोगों को भी इस मुफ्त तीर्थ यात्रा का लाभ दिया जाएगा।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में उदित राज ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली में ग्रंथियों और पुजारियों को 18 हजार रुपये हर माह देने का ऐलान किया लेकिन बहुजन समाज के दलित और पिछड़े समाज के पुजारियों के लिए ऐसी कोई आर्थिक मदद वाली घोषणा नहीं की। कांग्रेस सत्ता में आएगी तो किसी पुजारी के साथ भेदभाव नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की आआपा सरकार बुजुर्गों को तिरुपति, अयोध्या, वैष्णो देवी या बालाजी आदि तीर्थ स्थलों की मुफ्त यात्रा कराती है लेकिन सारनाथ, बोध गया, लुम्बिनी, रविदास स्थली, महू, दीक्षा भूमि और चैत्य भूमि के लिए सीएम तीर्थ योजना क्यों नहीं है? इसका मतलब आआपा को बाबा साहेब आंबेडकर और गौतम बुद्ध से घृणा है। हमारी सरकार आएगी तो सीएम तीर्थ योजना में दलितों और पिछड़ों को इसमें हिस्सेदार बनाकर चलेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि आआपा अगर बौद्ध धर्म, रविदास, कबीरदास, वाल्मीकि भगवान के पुजारियों को 18 हजार रुपये महीना देने का ऐलान नहीं करेगी तो हम फिर से केजरीवाल का घेराव करेंगे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इन्हीं विसंगतियों को देखते हुए राहुल गांधी 50 प्रतिशत की आरक्षण सीमा तोड़ने की बात करते हैं। जाति जनगणना और निजीकरण के विरोध में बात करते हैं। एक दौर में मिट्टी के तेल, चीनी, राशन आदि का कोटा परमिट था, उस दौर में कांग्रेस ने दलितों को कोटा परमिट तथा गैस एजेंसी आदि देकर उन्हें आगे बढ़ाया। दलितों को मुख्यधारा में शामिल किया। कांग्रेस ने दलितों को आरक्षण दिया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने बेशक भेदभाव किया लेकिन कांग्रेस पार्टी किसी के साथ भेदभाव नहीं करती।
उदित राज ने कहा कि दिल्ली में सिरसपुर नजफगढ़ में 800 छात्रों का आवासीय स्कूल था, जिसे राज्य सरकार ने बंद कर दिया। गुरु तेगबहादुरनगर में हॉस्टल बंद करा दिया। यूपीएससी के इच्छुक दलित छात्रों को कोचिंग दिलाने की योजना बंद करनी पड़ी, क्योंकि सरकार ने कोचिंग वालों का भुगतान नहीं किया। उन्होंने कहा कि चीफ मिनिस्टर फेलोशिप योजना में 75 हजार से सवा लाख रुपये मासिक मानदेय है। उसमें कोई आरक्षण नहीं दिया गया। तदर्थ और परामर्शदाता नियुक्त किए गए लेकिन आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया। 2014 में केजरीवाल का नारा था कि नौकरियों में ठेकेदारी प्रथा बंद करेंगे और स्थायी नियुक्ति देंगे। इसके बावजूद विभिन्न विभागों में ठेकेदारी प्रथा को बढ़ा दिया गया। दिल्ली सरकार के कुल सात विश्वविद्यालय हैं, जिनकी फीस बहुत अधिक है। इनमें दलितों और गरीबों के बच्चों के लिए पढ़ाई करना मुमकिन नहीं है।