उद्धव ठाकरे के लिए बेहद चुनौती भरा है कि आज का दिन

महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल शिवसेना द्वारा उनके निलंबन के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के लिए शिवसेना के 16 बागी विधायकों को नोटिस भेज सकते हैं। 27 जून सोमवार को सुनवाई हो सकती है।

मुंबई। महाराष्ट्र में महाअघाड़ी की सरकार रहेगी या जाएगी ? मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ही बने रहेंगे या कोई नया मुख्यमंत्री होगा ? भाजपा के नेता अभी तक खुलकर क्यों नहीं बोल रहे हैं? ऐसे कई सवाल हैं, जो पूरे देश की जनता की जुबान पर आपको सुनाई देते होंगे। महाराष्ट्र में सियासी वर्चस्व की लड़ाई में शनिवार का दिन बेहद अहम है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज दोपहर में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। एकनाथ शिंदे के साथ 40 से अधिक विधायक हैं। शिव सेना अभी तक 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की चिट्ठी लिख चुकी है। अब उद्धव ठाकरे के लिए सरकार से अधिक पार्टी बचाने की चुनौती है। तभी को उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने जिला प्रमुखों के सामने कहा कि सत्ता आती जाती है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का कहना है कि जब हिंदुत्व के नाम पर भाजपा और शिवसेना को अछूत माना जाता था और कोई भी भाजपा के साथ जाने को तैयार नहीं था, बालासाहेब ने कहा कि हिंदुत्व वोटों का विभाजन नहीं होना चाहिए। हम भाजपा के साथ रहे और अब इसका खामियाजा भुगत रहे हैं। आप में कई लोगों को कुछ प्यार भरे और कुछ धमकी वाले फोन आ रहे होंगे। मैं कहता हूं,हर शेर को सवा शेर मिलता ही है। आपको शिवसेना में सवा शेर मिल जाएगा। शिवसेना तलवार की तरह है, म्यान में रखे तो जंग लगती है। यदि आप इसे बाहर निकालते हैं, तो यह चमकता है इसे चमकने का समय है।

इससे पहले उद्धव ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ में शुक्रवार को एक अहम बैठक हुई। इसमें एनसीपी प्रमुख शरद पवार, उनके भतीजे और राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार, राज्य सरकार के मंत्री जयंत पाटिल, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल और शिव सेना सांसद संजय राउत शामिल हुए। बताया जा रहा है कि बैठक में मौजूदा हालात के बाद बन रही संभावना और तकनीकी पहलुओं पर विचार किया गया। स्पीकर और राज्यपाल की भूमिका को लेकर भी इस बैठक में चर्चा हुई।

दूसरी ओर बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे गुट के दो निर्दलीय विधायकों, महेश बलदी और विनोद अग्रवाल ने डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल को हटाने के लिए नोटिस दिया है। इससे पहले शुक्रवार को दिन में खबर थी कि एककनाथ शिंदे मुंबई आ सकते हैं और विधायकों के समर्थन वाला लेटर भी जिरवाल को सौंप सकते हैं। वे मुंबई के लिए निकले भी थे पर तीन घंटे तक गुवाहाटी में घूमने के बाद वापस होटल लौट गए।

शुक्रवार की देर रात मुंबई में शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि कल हमने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष से 16 लोगों को अपात्र करने की विनती की थी। आज हमने उनसे फिर से बात की और कार्यवाही शुरू करने को कहा। कल-परसों में उन सदस्यों को अपात्र करने की नोटिस जाएगी। कानून कहता है कि जब 2/3 सदस्य किसी राजनीतिक दल को छोड़ देते हैं तो उन्हें दूसरी पार्टी में विलय करना पड़ता है। अब वे भगवा और शिवसेना से दूर जाएंगे..जो कहते थे कि हम ही शिवसेना हैं तो अब वे स्थायी रूप से शिवसेना से दूर होने वाले हैं।