दिल्ली पुलिस के लिए अभी भी परेशानी का सबब है जहांगीरपुरी हादसा

नई दिल्ली। हनुमान जयंती के दिन जहांगीपुरी में हुई पथराव और हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की परेशानी अभी भी जारी है। इलाके में तनाव है। जांच जारी है। पुलिस के हाथ ठोस सबूत नहीं लगे हैं। जहांगीरपुरी हिंसा मामले की जांच करने के लिए क्राइम ब्रांच की जांच टीम जहांगीरपुरी पहुंची। जहांगीरपुरी हिंसा मामले में रोहिणी कोर्ट ने सोनू उर्फ इमाम उर्फ यूनुस को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेजा।

जहांगीरपुरी हिंसा में PFI के हाथ होने पर पूछे गए सवाल पर दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त(कानून-व्यवस्था) दीपेंद्र पाठक ने कहा कि मामले में चल रही जांच की जानकारी को इस वक़्त बताना ठीक नहीं है। क्राइम ब्रांच इसकी जांच कर रही है। अभी मामले की शुरुआती जांच चल रही है। स्थिति शांतिपूर्ण है। हमने यहां पुलिस बल की काफी मात्रा में तैनाती कर रखी है। हमने हर तरह की शरारती गतिविधि पर भी नज़र बनाकर रखी है। जो लोग हथियारों के साथ दिखे थे, वे सब गिरफ़्तार हुए हैं।

राजनीतिक बयानों का दौर शुरू हो गया है। जहांगीरपुरी हिंसा पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मेरा विनम्र अनुरोध है कि इस तरह का कोई जुलूस जब भी निकले तो किसके नेतृत्व में निकल रहा है, कौन इसको नियंत्रण करता है, ये सुनिश्चित होना चाहिए। ऐसा होता तो इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सकता है। यदि राजनीतिक जुलूस है तो राजनीतिक दल के नेताओं को उसका नेतृत्व करना चाहिए, यदि सामाजिक जुलूस है तो सामाजिक क्षेत्र के नेताओं को, यदि धार्मिक जुलूस है तो वहां प्रमुख लोगों को नेतृत्व करना चाहिए। ऐसा न होने से इस तरह की स्थिति पैदा हो रही है।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि यह वही लोग हैं जो कभी CAA और हिजाब के नाम पर देश को तबाह और बर्बाद करना चाहते हैं। यह बर्बाद और तबाह करने की नीयत जिनके पास है वह जिन्ना के DNA वाले हैं, फिर चाहे ओवैसी हो या फिर कोई और हो। जिन्ना की सोच वाले लोग कहते हैं कि जुलूस उस गली से क्यों ले जाना? क्या उन्होंने देश को हिंदू-मुस्लिम की गली में बांट दिया है? आज तक ताजिया के जुलूस पर ऐसा नहीं हुआ। यह वही लोग हैं जो देश में शरिया क़ानून लाना चाहते हैं।