प्रयागराज। महंत नरेंद्र गिरि के इच्छानुसार उन्हें मठ परिसर में ही भू समाधि दे दी गई। इससे पहले पांच डॉक्टरों की टीम ने उनका पोस्टमार्टम किया। रिपोर्ट को सीलबंद कर दिया गया। समय आने पर इसे सार्वजनिक किया जाएगा। समाधि की प्रक्रिया के लिए 13 अखाड़ों से संत आए थे और पूरे विधि विधान से अंतिम संस्कार किया गया।
समाधि से पहले की विधि पूरी की गई। उनके पार्थिव शव को स्नान कराया गया। मठ में नींबू के पेड़ के पास समाधि स्थल बनाया गया है. इसी जगह पर उनकी इच्छा के अनुसार समाधि दी गई। प्रयागराज स्थित बाघम्बरी मठ में महंत नरेंद्र गिरि को भू समाधि दे दी गई है। मठ में बड़ी संख्या में साधु-संत मौजूद हैं। इस दौरान 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
गौर करने योग्य यह भी है कि मामला हत्या और आत्महत्या के बीच चल ही रहा है। इसके बीच उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य ने यह कहा है कि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य महंत नरेंद्र गिरि की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए बुधवार को प्रयागराज में हैं। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्हाेंने कहा कि हमें एसआइटी पर विश्वास रखना चाहिए। न्याय होगा, कोई दोषी बचेगा नहीं। केशव बोले कि रही बात अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष की मौत की बात कि तो जितना में उन्हें जनता हूं, उसके आधार पर कह सकता हूं कि महंत जी मजबूत इच्छाशक्ति के व्यक्ति थे। वह आत्महत्या नहीं कर सकते। 24 घंटे पहले उन्होंने मुझे प्रसाद दिया। पोहा भी खाने को दिया था तो समय की कमी के कारण मैने कहा मुझे इजाजत दें इसे साथ लेकर जाने की। उनकी अनुमति पर में पोहा अपने साथ ले गया था। उन्हें मुझे रुदरक्ष की माला भी प्रसाद स्वरूप उन्हाेंने दी थी।