नई दिल्ली। कांग्रेस में एक बार फिर खलबली मची हुई है। वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के सभी पदों से त्यागपत्र दिया है। इसके बाद बयानों का दौर जारी है। इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि उत्तर भारत के लोग जो हिमालय की चोटी की ओर रहते हैं, यह जज़्बाती, खुददार लोग होते हैं। पिछले 1000 साल से इनकी तासीर आक्रमणकारियों के ख़िलाफ़ लड़ने की रही है। किसी को इन लोगों के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि दो वर्ष पहले हम 23 लोगों ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बताया था कि कांग्रेस की परिस्थिति चिंताजनक है जिसपर विचार करने की ज़रूरत है… कांग्रेस की बगिया को बहुत लोगों, परिवारों ने अपने खून से संजोया है। अगर किसी को कुछ मिला वह ख़ैरात में नहीं मिला है।
बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे पांच पृष्ठ के त्यागपत्र में अपनी शिकायतों का सिलसिलेवार उल्लेख किया । आजाद ने कहा कि वह ‘भारी मन’ से यह कदम उठा रहे हैं। उन्होंने पार्टी को ‘‘पूरी तरह से बर्बाद हो गयी’’ बताया और कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिये और प्रदेश स्तर पर क्षेत्रीय दलों के लिये स्थान खाली कर दिया । आजाद ने आरोप लगाया, ‘‘ यह सब इसलिये हुआ क्योंकि बीते आठ वर्षो में नेतृत्व ने एक ऐसे व्यक्ति को पार्टी पर थोपने का प्रयास किया जो गंभीर नहीं था।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि दरबारियों के संरक्षण में कांग्रेस को चलाया जा रहा है तथा पार्टी देश के वास्ते सही चीजों के लिये संघर्ष करने की अपनी इच्छाशक्ति और क्षमता खो चुकी है।